चंडीगढ़ में नए विधानसभा भवन के वास्ते जमीन आवंटन को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल केंद्र के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने रविवार को कहा कि इस सिलसिले में अबतक कोई भूखंड आवंटित नहीं किया गया है। कटारिया ने यहां एक कार्यक्रम से इतर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘अबतक कोई भूखंड आवंटित नहीं किया गया है। उनका (हरियाणा का) प्रस्ताव काफी समय से लंबित है, लेकिन जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।’
AAP समेत विपक्षी पार्टियां नाराज
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक कटारिया का बयान इस मायने में अहम है कि पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) एवं विपक्षी पार्टियां हरियाणा को उसके नए विधानसभा भवन के वास्ते यहां 10 एकड़ जमीन का आवंटन मंजूर करने के केंद्र के कथित कदम से नाराज हैं।
पर्यावरणीय मंजूरी मिली
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने यहां हरियाणा विधानसभा भवन के निर्माण के वास्ते उपलब्ध कराई गई जमीन के बदले में हरियाणा सरकार द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन को पेशकश किए गए भूखंड को कथित रूप से पर्यावरणीय मंजूरी दे दी है।
जमीन के बदले जमीन की पेशकश
हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ में आईटी पार्क रोड के समीप उपलब्ध कराए गए 10 एकड़ जमीन के बदले में पंचकूला में 12 एकड़ जमीन की पेशकश की है। फिलहाल यहां पंजाब और हरियाणा राज्य सचिवालय से सटे साझे भवन परिसर में दोनों राज्यों के पृथक-पृथक विधानसभा परिसर हैं। चंडीगढ़ दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी है।
एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी- AAP
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर पंजाब के राज्यपाल से मुलाकात कर कहा था कि चंडीगढ़ पंजाब का है। उसकी एक इंच जमीन भी हरियाणा को उसके विधानसभा भवन के निर्माण के वास्ते नहीं दी जाएगी। आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था और इस कथित कदम को पंजाब के राजधानी शहर में अतिक्रमण की कोशिश बताया था।
भाषा के इनपुट के साथ