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Hindi News हरियाणा Haryana Assembly Election 2024: गढ़ी-सांपला-किलोई से सिक्सर लगाएंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा या मंजू हुड्डा बिगाड़ेंगी खेल?

Haryana Assembly Election 2024: गढ़ी-सांपला-किलोई से सिक्सर लगाएंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा या मंजू हुड्डा बिगाड़ेंगी खेल?

Garhi Sampla-Kiloi Assembly Election: हरियाणा की गढ़ी सांपला-किलोई सबसे चर्चित हॉट सीट है, जिस पर चुनाव के दौरान सभी की नजरें टिकी रहती हैं। यहां से इस बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सामना बीजेपी की मंजू हुड्डा से होगा।

हरियाणा की गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला- India TV Hindi हरियाणा की गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला

Garhi Sampla-Kiloi Assembly Election: हरियाणा के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से एक गढ़ी सांपला-किलोई है। यह रोहतक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। गढ़ी सांपला-किलोई सबसे चर्चित हॉट सीट है, जिस पर चुनाव के दौरान सभी की नजरें टिकी रहती हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस सीट से लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं। वहीं, परिसीमन से पहले भी यहां से एक बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सामना बीजेपी की मंजू हुड्डा से होगा। यहां से जेजेपी के सुशीला देवी देशवाल, आम आदमी पार्टी के परवीन गुसाखानी और आईएनएलडी (INLD) के कृष्ण भी चुनावी मैदान में हैं। 

क्या रहे थे पिछले चुनाव के नतीजे?

2009 में परिसीमन के बाद सांपला-किलोई विधानसभा क्षेत्र बना। अभी तक इस सीट पर तीन चुनाव हुए। तीनों ही चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जीत हासिल की है। 2019 के चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 97,755 वोट मिले थे। बीजेपी के सतीश नांदल 39,443 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। 2014 के चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 80,693 वोट मिले थे, जबकि INLD के सतीश कुमार नांदल 33,508 के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे।

किस पार्टी और प्रत्याशी को मिली जीत?

परिसीमन से पहले यह किलोई विधानसभा सीट थी। यहां से 1967 में निर्दलीय उम्मीदवार महंत श्रेयो नाथ ने पहला चुनाव जीता था। 1968 में कांग्रेस के चौधरी रणबीर हुड्डा ने जीत हासिल की थी। 1972 में महंत श्रेयो नाथ विजयी रहे थे। 1977 और 1982 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी हरिचंद हुड्डा ने परचम लहराया था। 1987 में यहां से लोक दल ने श्रीकृष्ण हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारा और उन्हें जीत मिली। 1991 में कांग्रेस के कृष्णमूर्ति हुड्डा जीते। 1996 में समता पार्टी के कृष्ण हुड्डा ने चुनाव में परचम लहराया था। इसके बाद 2000 के चुनाव में कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने पहली बार यहां से चुनाव जीता। 2004 में कांग्रस के टिकट पर कृष्ण हुड्डा ने जीत हासिल की। 2005 में उपचुनाव हुआ और कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फिर टिकट दिया। इस चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा विजयी रहे। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 2009, 2014 और 2019 का चुनाव जीता है। 

गढ़ी सांपला-किलोई सीट का समीकरण

गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा क्षेत्र जाट बहुल है। यहां लगभग सवा दो लाख वोटर्स हैं, जिनमें लगभग 50 प्रतिशत जाट वोटर्स हैं। एससी के लगभग 40 हजार वोटर्स के अलावा ब्राह्मण और ओबीसी के 50 हजार मतदाता भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा ने इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में लड़ा था, लेकिन उन्हें महंत श्रेयोनाथ से शिकस्त मिली थी। गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा में पड़ने वाला सांघी गांव भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पैतृक गांव है। इस विधानसभा का जसिया, रिठाल, किलोई, मकड़ौली, चमारिया, गढ़ी सांपला, सांपला, ईस्माइला, भालौट ये सभी ऐसे क्षेत्र हैं जिसे हुड्डा का मजबूत किला माना जाता है।