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हरियाणा की इन सीटों से चुनाव लड़ेंगे विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया? कांग्रेस ने दिया ऑफर

पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया कांग्रेस के टिकट से हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने आज दोनों पहलवानों को इन सीटों पर चुनाव लड़ने का खुला ऑफर दिया है।

vinesh phogat and bajrang punia- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग पांच अक्टूबर को होगी और वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी। चुनाव से पहले राजनीतिक गहमागहमी तेज है। इस बार के चुनाव में हरियाणा से कांग्रेस के टिकट पर दो पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया भी चुनाव मैदान में उतरेंगे। सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को कांग्रेस की ओर से हरियाणा की तीन विधानसभा सीटों में से कहीं से भी लड़ने का ऑफर दिया गया है। ये सीटें हैं चरखी दादरी, बाढ़डा और जुलाना।

बता दें कि चरखी दादरी विनेश फोगाट का गृह जिला है। बाढ़डा विधानसभा के अंदर विनेश फोगाट का गांव बलाली है, वहीं विनेश ने फोगाट परिवार के साथ कुश्ती सीखी है, जबकि जुलाना में उनकी ससुराल है। हालांकि विनेश फौगाट ने अभी किसी भी सीट से चुनाव लड़ने को लेकर अपनी सहमति नहीं दी है और ना ही कोई संकेत दिया है।

बजरंग पूनिया को इन सीटों का ऑफर

वहीं, सूत्रों के मुताबिक बजरंग पूनिया को कांग्रेस की तरफ से बहादुरगढ़ या भिवानी से चुनाव लड़ने का ऑप्शन दिया गया है। ये दोनों ही सीटें जाट बाहुल्य सीट हैं। जबकि बजरंग पूनिया ने झज्जर के बादली और सोनीपत से चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। लेकिन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के मजबूत चेहरे इस वक्त सिटिंग विधायक हैं। बादली से कांग्रेस अपने सिटिंग विधायक कुलदीप वत्स का टिकट नहीं काटना चाहती है क्योंकि वो हरियाणा के बड़े ब्राह्मण चेहरों में से एक हैं। 

वहीं सोनीपत से मौजूदा कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार ED केस में जेल में बंद है और कांग्रेस वहां से उनको या उनके परिवार में से किसी को टिकट देना चाहती है। अभी बजरंग पूनिया की ओर से कहीं से भी चुनाव लड़ने का फाइनल कंफर्मेशन नहीं दिया गया है।

दीपक बाबरिया ने कही ये बात

हरियाणा चुनाव के लिए बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट की उम्मीदवारी को लेकर चल रही अटकलों पर हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया कहते हैं, "मुझे नहीं पता कि केसी वेणुगोपाल के साथ उनकी क्या चर्चा हुई। लेकिन जो भी समाधान निकलेगा वह सभी को स्वीकार्य होगा... अंतिम लक्ष्य भाजपा को हराना है, इसलिए समाधान भी वही होगा...यदि संभव हुआ तो वे चुनाव लड़ेंगे।''

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