हरियाणा: चुनावी मैदान में 'लालों के लाल', कुछ अपने ही सगों के खिलाफ उतरे, जानिए 3 पूर्व सीएम का सियासी कुनबा
हरियाणा का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है। इस बार हरियाणा में तीन पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल के नाती-पोते चुनावी मैदान में हैं। सभी उम्मीदवारों ने चुनावी प्रचार भी शुरू कर दिया है।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में, राज्य के तीन मशहूर ‘लाल’ के कई सगे-संबंधी भी मैदान में उतरे हैं। उनमें से कुछ के एक दूसरे के खिलाफ उतरने से चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है। हरियाणा को 1966 में अलग राज्य के रूप में गठित किए जाने के बाद से इसकी राजनीति तीन मशहूर ‘लाल’ के इर्द-गिर्द घूमती रही है। ये तीन लाल देवीलाल, जिन्हें 'ताऊ' देवीलाल के नाम से जाना जाता है। इसके बाद भजनलाल और बंसीलाल हैं। ये सभी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। देवीलाल, देश के उप प्रधानमंत्री भी रहे थे।
चुनावी मैदान में राजनीतिक परिवारों के सदस्य
अगले महीने होने जा रहे इस चुनाव के लिए इन प्रमुख राजनीतिक परिवारों के कई सदस्यों को कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (BJP), इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP) ने उम्मीदवार बनाया है। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है। वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को की जाएगी।
दिवंगत बंसीलाल के दो पोतों के बीच मुकाबला
भिवानी जिले में तोशाम विधानसभा सीट पर दिवंगत बंसीलाल के दो पोतों के बीच मुकाबला होने वाला है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के पूर्व कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल के पोते हैं। उनका मुकाबला अपनी चचेरी बहन एवं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी से है, जो बीजेपी से उम्मीदवार हैं। श्रुति बीजेपी नेता किरण चौधरी एवं बंसीलाल के दिवंगत पुत्र सुरेंद्र सिंह की बेटी हैं।
बीजेपी से राज्यसभा सांसद बनीं किरण चौधरी
वहीं, अनिरुद्ध रणबीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र, और सुरेंद्र भाई थे। तोशाम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किरण चौधरी कर रही थीं लेकिन उन्होंने पिछले महीने विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए उन्हें हरियाणा से उम्मीदवार बनाया और वह निर्विरोध जीत गईं।
देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल इनेलो उम्मीदवार
केवल तोशाम विधानसभा सीट ही नहीं, सिरसा जिले में डबवाली सीट पर भी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। डबवाली से देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल इनेलो उम्मीदवार हैं। वह जेजेपी के दिग्विजय सिंह चौटाला के खिलाफ मैदान में उतरे हैं, जो पूर्व उप प्रधानमंत्री (देवीलाल) के प्रपौत्र हैं। आदित्य देवीलाल, चौधरी देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश के पुत्र हैं। आदित्य बीजेपी छोड़कर रविवार को इनेलो में शामिल हो गए और उन्हें डबवाली से उम्मीदवार बनाया गया है।
आदित्य ने अपने ताऊ ओम प्रकाश चौटाला से लिया आशीर्वाद
हरियाणा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ गठबंधन कर लड़ रहे इनेलो में शामिल होने से पहले, आदित्य ने अपने ताऊ एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के सिरसा स्थित आवास पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। दिग्विजय सिंह चौटाला, जेजेपी नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई हैं। जेजेपी, चंद्रशेखर आजाद नीत आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही हैं।
भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई BJP से उम्मीदवार
जेजेपी का नेतृत्व दुष्यंत और दिग्विजय के पिता एवं पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला कर रहे हैं। हिसार जिले में आदमपुर सीट से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री (दिवंगत) भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को उम्मीदवार बनाया है। भव्य, वर्तमान में आदमपुर से विधायक हैं। उनके पिता कुलदीप बिश्नोई भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।
देवीलाल के प्रपौत्र अर्जुन चौटाला रानिया से उम्मीदवार
सिरसा जिले में रानिया सीट पर भी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है क्योंकि देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद कहा था कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। इनेलो ने देवीलाल के प्रपौत्र अर्जुन चौटाला को रानिया से उम्मीदवार बनाया है। यह विधानसभा सीट भी सिरसा जिले में है।
सिरसा उनकी जम्मभूमि और कर्मभूमि- आदित्य देवीलाल
अर्जुन के पिता इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला हैं। जेजेपी के बारे में इनेलो के आदित्य देवीलाल ने कहा, 'पार्टी लोगों से कहा करती थी कि यह (सिरसा क्षेत्र) उनकी ‘जन्मभूमि’ और ‘कर्मभूमि’ है, लेकिन कभी-कभी वे उचाना (जहां से दुष्यंत चुनाव लड़ रहे हैं), कभी भिवानी (जहां से अजय चौटाला सांसद रहे थे), कभी डबवाली चले जाते हैं। लेकिन लोग समझदार हैं, वे जानते हैं।'
आदित्य को दें जोरदार समर्थन- अभय चौटाला
इनेलो में शामिल होने के बाद अभय चौटाला ने गांव में एकत्र लोगों से आग्रह किया, 'आदित्य को इतना समर्थन दें कि जो लोग उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, वे नामांकन दाखिल करने से पहले यह सोचने पर मजबूर हो जाएं कि चुनावी मुकाबले में उनका क्या हश्र होने वाला है।' हालांकि, जेजेपी के दिग्विजय चौटाला इसे लेकर आश्वस्त हैं कि वह डबवाली सीट 'काफी मतों के अंतर' से जीतेंगे।
नहीं पड़ने वाला फर्क- अर्जुन चौटाला
इस बीच, अर्जुन चौटाला ने कहा, 'मुझे पूरा यकीन है कि रानिया के लोग अपना आशीर्वाद देंगे और हमारी पार्टी को विजयी बनाएंगे।' रणजीत चौटाला के बारे में अर्जुन ने कहा, 'उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन मुझे लगता है कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है।'
हिसार में एक-दूसरे के खिलाफ चौटाला परिवार ने लड़ा चुनाव
बता दें कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में देवीलाल परिवार के तीन सदस्य, देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला, जो निर्दलीय विधायक हैं और लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। जेजेपी विधायक नैना चौटाला, जो जेजेपी प्रमुख एवं देवीलाल के पोते अजय सिंह चौटाला की पत्नी हैं। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के चचेरे भाई रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला ने हिसार संसदीय सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
हालांकि, उनमें से कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका और हिसार सीट कांग्रेस उम्मीदवार ने जीती। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला भी कुरुक्षेत्र संसदीय सीट से प्रत्याशी थे लेकिन इस सीट पर बीजेपी के नवीन जिंदल ने जीत दर्ज की।
भाषा के इनपुट के साथ