फरीदाबाद के DCP विक्रमजीत ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में एसएचओ पर लगाया ब्लैकमेलिंग का आरोप
फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) ने बुधवार सुबह कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है।
दिल्ली से सटे फरीदाबाद में बुधवार को पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस उपायुक्त (एनआईटी) विक्रम कपूर ने अपने सरकारी आवास पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कपूर के घर से एक सुसाइड नोट बरामद बरामद हुआ है जिसके आधार पर थाना भूपानी के प्रभारी अब्दुल शाहिद सहित दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
सुसाइड नोट का ब्योरा तत्काल उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ सूत्रों ने कहा कि इसमें एक थाना प्रभारी और एक अन्य व्यक्ति द्वारा डीसीपी को किसी मुद्दे पर ब्लैकमेल किए जाने की बात लिखी है। उन्होंने कहा कि यह घटना बुधवार सुबह करीब छह बजे हुई। डीसीपी ने अपने मुंह में रिवॉल्वर डालकर ट्रिगर दबा दिया।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि एनआईटी क्षेत्र के डीसीपी विक्रम कपूर पिछले एक साल से इस पद पर तैनात थे और उन्हें 2020 में सेवानिवृत्त होना था। उन्होंने कहा कि कपूर काफी मिलनसार और बेहतर अधिकारी थे। विक्रम कपूर की मौत पर पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि इस घटना से पूरे पुलिस विभाग शोक में है। उन्होंने कहा कि पुलिस आत्महत्या के मामले की जांच कर रही है। विक्रम कपूर मूल रूप से अंबाला के रहने वाले थे और हरियाणा पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक के रूप में भर्ती हुए थे। पदोन्नति के बाद वह डीसीपी बने और पिछले करीब दो साल से फरीदाबाद में पदस्थ थे।
सूत्रों ने बताया कि कपूर बुधवार सुबह करीब छह बजे अपने घर के ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठे थे। उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर अपने मुंह में डालकर ट्रिगर दबा दिया। उस समय उनकी पत्नी बाथरूम में थीं। गोली चलने की आवाज सुनकर वह बाहर आईं तो पति को खून से लथपथ पाया। उन्होंने बताया कि इसके बाद कपूर की पत्नी ने अपने बेटे अर्जुन को जगाया। बाद में पुलिस को सूचित किया गया।
विक्रम कपूर की सेवानिवृत्ति को अभी एक साल बाकी था। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम जांच में जुट गई है। अभी आत्महत्या के असल कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है।