चंडीगढ़: वैट घोटाले को लेकर ईडी के चंडीगढ़ जोनल कार्यालय द्वारा हरियाणा में 14 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। जिन लोकेशन पर ये छापेमारी हो रही है, वह हरियाणा सरकार के 3 अधिकारी और कुछ अन्य प्राइवेट लोगों से संबंधित हैं। 3 अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। इसमें अशोक सुखीजा (ईटीओ), नरेंद्र कुमार रंगा (डीईटीसी) और गोपी चंद चौधरी (डीईटीसी) शामिल हैं।
हालही में ईडी ने झारखंड में बड़ी कार्रवाई
हालही में झारखंड में हुए घोटाले को लेकर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ी कार्रवाई की थी। रांची में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत सुरेश प्रसाद वर्मा और अन्य के मामले में संजीव कुमार लाल, रीता लाल और जहांगीर आलम से संबंधित 4.42 करोड़ रुपये के संयुक्त मूल्य की चार अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया था। इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है और ईडी ने इस मामले में संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी की थी।
ईडी ने एसीबी की FIR के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी। एसीबी की FIR जमशेदपुर में दर्ज की गई थी, जिसमें सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन आरोपी थे। पीएमएलए जांच के दौरान पाया गया कि जमशेदपुर एसीबी ने आलोक रंजन के घर से 2.67 करोड़ रुपये जब्त किए थे। आलोक उस समय सुरेश प्रसाद वर्मा के घर में किरायेदार के रूप में रहते थे। जब्त किए गए रुपये वीरेंद्र कुमार राम के थे। वीरेंद्र सरकारी कर्मचारी थे। वह ग्रामीण विकास विशेष जोन और ग्रामीण कार्य विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात थे। दोनों विभाग झारखंड सरकार के हैं।
जांच में मिली जानकारी के आधार पर EOW ने दिल्ली में वीरेंद्र कुमार राम, मुकेश मित्तल और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आगे चलकर इस केस को जांच के साथ मिला लिया गया था। जांच आगे बढ़ने के बाद वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार से जुड़ी 39.28 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। इसके बाद वीरेंद्र कुमार के सीए मुकेश मित्तल की भी 35.77 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई।