हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले हरियाणा कांग्रेस ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल दिए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि हरियाणा में मतदान से पहले राम रहीम को पैरोल नहीं दी जाए, क्योंकि वो वोटर्स को प्रभावित कर सकता है। राम रहीम का पिछला इतिहास इस बात का गवाह है कि उसके हरियाणा में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। वो इसका इस्तेमाल कर सकता है, इसलिए उसे पैरोल नहीं दी जानी चाहिए।
तीन शर्तों के साथ पैरोल की मिली मंजूरी
इससे पहले चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को राम रहीम की पैरोल को मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग ने तीन शर्तें लगाई हैं। पैरोल के वक्त के दौरान गुरमीत राम रहीम के हरियाणा में दाखिल होने पर रोक रहेगी। गुरमीत राम रहीम किसी भी चुनाव प्रचार की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है और ना ही सोशल मीडिया के जरिए किसी चुनाव प्रचार की गतिविधि में शामिल होगा।
यौन शोषण-मर्डर केस में काट रहा सजा
यौन शोषण और मर्डर केस में राम रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहा है। पैरोल के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहेगा। साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था।
अंतिम चरण में चुनाव प्रचार
बता दें कि हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। ऐसे में तमाम दलों की ओर से वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर घोषित किए जाएंगे।
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