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Hindi News हरियाणा चरखी दादरी मॉब लिंचिंग पर आया सीएम सैनी का रिएक्शन, पूरे मामले पर दिया ये बड़ा बयान

चरखी दादरी मॉब लिंचिंग पर आया सीएम सैनी का रिएक्शन, पूरे मामले पर दिया ये बड़ा बयान

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गोकशी के शक में हुई एक शख्स की मॉब लिंचिंग में मौत के बाद घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि इसके लिए सरकार ने कानून बनाया हुआ है।

Haryana Mob Lynching, Charkhi Dadri district, Charkhi Dadri district News- India TV Hindi Image Source : PTI FILE हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चरखी दादरी में गोकशी के शक में हुई 2 मुस्लिम युवकों की मॉब लिंचिंग पर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की बातें ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने गोमाता की सुरक्षा के लिए पहले ही कानून बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को जब पता चल जाता है तो उन्हें कौन रोक सकता है। सीएम ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होने करनाल से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर कमल का फूल चुनाव लड़ रहा है।

5 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बता दें कि हरियाणा के चरखी दादरी जिले में गोमांस खाने के संदेह पर गौरक्षक समूह ने एक प्रवासी व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और असीरउद्दीन नाम के एक अन्य शख्स को घायल कर दिया था। पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि FIR दर्ज करके इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, साबिर मलिक की 27 अगस्त को हत्या की गई थी। अधिकारी ने दर्ज मामले के आधार पर बताया कि पांच आरोपियों ने गोमांस खाने के संदेह पर मलिक को प्लास्टिक की खाली बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया। वहां पर उसकी जमकर पिटाई की गई।

कुछ लोगों ने किया था हस्तक्षेप

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी जब उसे पीट रहे थे तो कुछ लोगों ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद वे साबिर मलिक को दूसरे स्थान पर ले गए और फिर वहां उसकी दोबारा पिटाई की। इससे उसकी मौत हो गई।  पुलिस ने कहा कि मलिक चरखी दादरी जिले के बांद्रा गांव के पास एक झुग्गी में रहता था और कबाड़ बीनने का काम करता था। मामले में 2 नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। (भाषा इनपुट के साथ)