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Hindi News हरियाणा अंबाला सिटी से असीम गोयल लगाएंगे हैट्रिक या 10 साल बाद कांग्रेस का 'हाथ' फिर से होगा मजबूत, जानें आंकड़े

अंबाला सिटी से असीम गोयल लगाएंगे हैट्रिक या 10 साल बाद कांग्रेस का 'हाथ' फिर से होगा मजबूत, जानें आंकड़े

पिछले चुनाव में असीम गोयल को निर्दलीय के तौर पर टक्कर देने वाले निर्मल सिंह इस बार कांग्रेस के टिकट पर हैं। वहीं आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है। दुष्यंत चौटाला की जेजेपी और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) भी गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है।

अंबाला सिटी विधानसभा चुनाव 2024- India TV Hindi Image Source : INDIA TV अंबाला सिटी विधानसभा चुनाव 2024

अंबालाः हरियाणा विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो, जेजेपी, बसपा और आम आदमी पार्टी के नेता अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं। अबाला सिटी में भी चुनाव अभियान जोरों पर है। अंबाला सिटी सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है लेकिन आम आदमी पार्टी और इनेलो और जेजेपी ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। 

पंजाब से सटा इलाका है अंबाला सिटी

अंबाला सिटी पंजाब की सीमा से सटा हुआ इलाका है। यह पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के काफी करीब है। साल 2011 की जनसंख्या के अनुसार, अंबाला सिटी की जनसंख्या दो लाख 79 हजार 34 थी। इनमें एक लाख 12 हजार 840 लोग पुरुष और 95 हजार से ज्यादा महिलाएं थीं। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की साक्षरता दर 90.31 प्रतिशत थी। यहां पर मतदाताओं की संख्या 153,772 है।

अंबाला सिटी से कांग्रेस और बीजेपी जीतती रही हैं

अंबाला सिटी विधानसभा सीट पर पिछले 25 साल के दौरान बीजेपी और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के असीम गोयल ने जीत दर्ज की थी। एक बार फिर से असीम गोयल को बीजेपी ने मौका दिया है और उनके सामने निर्मल सिंह मोहरा हैं। साल 2019 के चुनाव में असीम गोयल ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे निर्मल सिंह मोहरा को हराया था। निर्मल को 55 हजार 944 वोट मिले थे। जबकि गोयल को 64 हजार से ज्यादा मत मिले थे। कांग्रेस के उम्मीदवार जसवीर मल्लौर को 20 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इस बार निर्मल सिंह मोहरा कांग्रेस के टिकट पर असीम गोयल के सामने हैं। 

लगातार 15 साल तक कांग्रेस का रहा कब्जा

अंबाला सिटी विधानसभा सीट 2014 से पहले लगातार 15 साल कांग्रेस के पास थी। कांग्रेस के विनोद शर्मा ने यह सीट 2005 और 2009 में जीती थी। 2000 के चुनाव में कांग्रेस के जय प्रकाश शर्मा ने यहां से जीत दर्ज की थी। 1996 में यह सीट बीजेपी के कमला वर्मा ने जीती थी। जबकि 1991 में यहां से कांग्रेस के राजेश कुमार को जीत मिली थी।

क्यों इस बार देखी जा रही कांटे की टक्कर

दरअसल, हरियाणा में बीजेपी की पिछले 10 साल से सरकार है। अंबाला से सटे पंजाब बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है। माना जा रहा है कि इसका असर चुनाव पर पड़ सकता है। कांग्रेस एक बार फिर से अपनी खोई हुई सीट जीतने की कोशिश कर रही है। पिछले चुनाव में असीम गोयल को निर्दलीय के तौर पर टक्कर देने वाले निर्मल सिंह इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

वहीं आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है। दुष्यंत चौटाला की जेजेपी और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) भी गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। जबकि इनेलो का बसपा के साथ गठबंधन है। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने बूते चुनाव लड़ रही है।