किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जेल में बंद किसानों की रिहाई को लेकर शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक किसानों ने रेल ट्रैक जाम कर दिया है। किसानों के इस कदम के चलते अंबाला स्टेशन से 11 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं और 19 रेलगाड़ियों के रूट बदले गए हैं। ट्रेनों के रद्द होने से आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बड़ी संख्या में लोगों को प्लेटफॉर्म पर ही सोते हुए देखा जा सकता है।
किसानों के फैसले से जनता परेशान हो रही है। कई लोग घंटो से रेल का इंतजार कर रहे हैं। अंबाला रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लग गई है, ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से सफर कर रहे कई यात्रियों की ट्रेन बीच रास्ते में रद्द कर दी गई। आलम ये है की स्टेशन पर लोगों को बैठने की जगह नहीं मिल रही है। इस दौरान लोगों ने रेलवे प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा की कब कौन सी ट्रेन रद्द या लेट है इसकी जानकारी देने वाला कोई नही है।
क्यों आंदोलन कर रहे किसान?
केंद्र सरकार ने किसानों से फसलों की खरीद से जुड़े कानून में बदलाव करने के लिए कृषि बिल पेश किया था। इस बिल के जरिए हो रहे बदलावों से किसान खुश नहीं थे। इस वजह से आंदोलन की शुरुआत हुई। पहले सिर्फ पंजाब हरियाणा के किसान सड़क पर थे, लेकिन बाद में अन्य राज्यों के किसान भी इसमें शामिल हुए और सरकार को यह बिल वापस लेना पड़ा। इसके बाद किसानों का आंदोलन रुका, लेकिन कुछ समय बाद फिर किसान सड़कों पर आ गए। किसानों की मांग उन किसानों को जेल से छोड़ने की है, जिन्हें आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। किसान चाहते हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानून बनाए जाएं। किसानों का कर्ज माफ किया जाए और आंदोलन में जिन किसानों की जान गई है। उनके परिवार को मुआवजा देने के साथ किसी एक सदस्य को नौकरी भी दी जाए।
(अंबाला से कृष्ण बाली की रिपोर्ट)
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