WHO और आयुष मंत्रालय एक साथ करेंगे पहले ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ की मेजबानी
आयुष राज्यमंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा है कि पारंपरिक चिकित्सा पर पहले GCTM की स्थापना और अब पहले शिखर सम्मेलन से पूरे विश्व में पारंपरिक चिकित्सा को नई पहचान मिलेगी।
आने वाले 17-18 अगस्त को गुजरात के गांधी नगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा वैश्विक स्तर पर शिखर सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है। ये अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा पर आधारित होगा। यह भविष्य में स्वास्थ्य और जनकल्याण की दिशा सुनिश्चित करने के लक्ष्य के नई वैज्ञानिक प्रगति और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों के लिए एक महत्वूपर्ण मंच साबित होगा।
पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली का प्रमाण
केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि शिखर सम्मेलन के समापन पर होने वाले घोषणापत्र से पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में ‘डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिश्नल मेडिसिन’ (GCTM) को भविष्य में नए आयाम मिलेंगे। यह हमारे देश की विभिन्न पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों द्वारा की गई बहुआयामी प्रगति का प्रमाण है। दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा, जैसे कि हर्बल मिश्रण, एक्यूपंक्चर, योग, आयुर्वेदिक चिकित्सा और स्वदेशी चिकित्सा का उपयोग करती है। वहीं, WHO दक्षिण पूर्व एशिया के स्वास्थ्य प्रणाली विकास विभाग के क्षेत्रीय निदेशक मनोज झालानी ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन से भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक समग्र और स्वस्थ दुनिया बनाने की दिशा में एक रोडमैप तैयार होगा।
टेड्रोस अदनोम भी होंगे शामिल
इस सम्मेलन का उद्घाटन में WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस , केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोणोवाल करेंगे। सम्मेलन में G20 के स्वास्थ्य मंत्री, WHO के क्षेत्रीय निदेशक और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, चिकित्सक और विभिन्न संगठनों के सदस्य शामिल होंगे। इस दौरान एक प्रदर्शनी का भी आयोजन होगा जिसमें WHO तथा भारत के साझा प्रयास से समस्त विश्व की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियां प्रदर्शित की जाएंगी। प्रदर्शनी में "कल्पवृक्ष" के रूप में प्राकृतिक पर्यावरण के साथ पारंपरिक चिकित्सा के संबंध को भी दिखाया जाएगा।
2022 में हुआ था फैसला
WHO ने 2022 में भारत सरकार के सहयोग से ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना की थी। यह केंद्र भारत के आयुष मंत्रालय और विश्व WHO की एक सहयोगी परियोजना है और दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र है। WHO-GCTM पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित सभी वैश्विक स्वास्थ्य मामलों पर नेतृत्व और समर्थन प्रदान करेगा।
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