Swasthya Sammelan 2021: गुजरात में नहीं लगेगा Lockdown, जानिए सीएम रूपाणी कैसे कंट्रोल करेंगे बढ़ते कोरोना को
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, "कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर से निपटने के लिए काफी कदम उठाए हैं। हम पूरी मशीनरी का उपयोग कर रहे हैं। सभी रिसोर्सेज को यूटिलाइज किया है।
नई दिल्ली। इंडिया टीवी के विशेष कार्यक्रम स्वास्थ्य सम्मेलन (swasthya sammelan 2021) में रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि पिछली बार गुजरात में कोरोना वायरस की दो पीक देखी गई है। पहली पीक में 25 सितंबर 2020 के आसपास जब हर दिन औसतन 14 से मामले आते थे वहीं दूसरी पीक में 27 नवंबर के आसपास जब हर दिन औसतन 1600-1700 मामले दर्ज किए गए थे और फिर उसके बाद मामले धीरे-धीरे घटने शुरू हुए, लेकिन इस बार की बात करें तो अभी कल ही 5000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, इसीलिए पहले के मुकाबले इस बार संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। अभी आप पिछले महीने की ही बात कर लीजिए जहां 15 मार्च के आसपास हर दिन औसतन 1000 केस आते थे, वहीं आज औसतन साढ़े 4 से 5 हजार से ज्यादा केस मिल रहे हैं। इन सब में एक बात बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इनमें से 60 से 65 प्रतिशत मामले अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, बड़ोदरा से ही आ रहे हैं। हालांकि, राज्य के दूसरे शहरों और जिलों में भी कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं, इसीलिए पूरी सतर्कता के साथ सरकार काम कर रही है और पूरे राज्य के हालात पर हम गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं।
इंडिया टीवी के विशेष कार्यक्रम स्वास्थ्य सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, "भारत सरकार नियमित तौर पर कोरोना वायरस वैक्सीन दे रही है। मुझे अफसोस है कि वैक्सीन पर विपक्ष राजनीति कर रहा है। वह उनकी कुंठित मानसिकता है। क्योंकि, वैक्सीन का तीन-चार दिन का स्टॉक एक साथ आता है। जैसे- 2 दिन पहले 15 लाख डोज गुजरात को मिलीं और हम हर रोज 4 लाख से ज्यादा वैक्सीनेशन करते हैं। तो इसका मतलब है कि चार-पांच दिन का स्टॉक है। तो बाद में दूसरा चार-पांच दिन का स्टॉक आ जाता है। कोई अभी तक गैप नहीं हुआ है। सभी राज्यों को वैक्सीन मिल रहा है।" रुपाणी ने कहा कि, लॉकडाउन (Lockdown in Gujarat) हम नहीं लगाएंगे।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, "कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर से निपटने के लिए काफी कदम उठाए हैं। हम पूरी मशीनरी का उपयोग कर रहे हैं। सभी रिसोर्सेज को यूटिलाइज किया है। अस्पतालों में बेड की संख्या, डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध रहें और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग हो और संचार के अलग-अलग माध्यमों से लोगों में जागरूकता तथा लॉ एंड ऑर्डर पर भी ध्यान दे रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "टेस्टिंग कैपेसिटी में भी हमने विशेष रूप से काफी काम किया है। पहले हम गुजरात में 50000 टेस्ट करते थे। आज सवा लाख से ज्यादा टेस्ट कर रहे हैं, जिसमें से 40 फीसदी से 50 फीसदी आरटी-पीसीआर टेस्ट कर रहे हैं। आरटी-पीसीआर टेस्टिंग को बढ़ाने पर भी हमने ज्यादा ध्यान दिया है। अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में वाक-इन टेस्टिंग यानी अलग-अलग चौराहे पर टेंट लगाकर लोगों को सुविधा उपलब्ध कराई है और लोग वहां आकर अपना टेस्ट कराते हैं।"
रूपाणी ने कहा, "मामले काफी बढ़े हैं। अस्पताल में भी हम हर रोज नए वेड बढ़ा रहे हैं। अस्पताल भी बढ़ा रहे हैं। इसीलिए हमने तय किया है कि हॉस्पिटल में बिना लक्षण वाले मरीज दाखिल ना हों, वह अपने घर पर होम आइसोलेशन में रहे और वहीं पर वह अपना ट्रीटमेंट करें। इसके लिए बहुत लोगों को बताना पड़ता है कि आपको हॉस्पिटल की जरूरत नहीं है, दवाई लें और घर पर आप आराम कीजिए। आप धीरे-धीरे ठीक हो जाएंगे।"
उन्होंने कहा, "पिछले लगभग 8 दिन में हमने 15000 बेड्स अहमदाबाद, बड़ोदरा, सूरत और राजकोट में बढ़ाए हैं और वहां काफी हमने टेस्टिंग की मात्रा बढ़ा दी है। हमने धनमंत्री रथ बनाए हैं जो घर-घर जाकर सर्विलेंस करते हुए वहीं दवाइयां देकर यह सुनिश्चित करते हैं कि केस अस्पताल या ओपीडी में ना आए और जो लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं संजीवनी रथ के माध्यम से उन्हें डॉक्टर जाकर चेक करते हैं और अगर उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल में हम शिफ्ट करते हैं।"