Vande Bharat: स्वदेश में निर्मित सेमी हाईस्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत‘ भारतीय रेलवे का गुरुर है। दो रूटों पर सफलतापूर्वक चलने वाली यह खास ट्रेन अब गुजरात की पटरियों पर भी दौड़ गई है। पीएम नरेंद्र मोदी आज गांधी नगर से मुंबई सेंट्रल के बीच इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। कुछ दिन पहले ही गुजरात में वंदे भारत ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया था।
पुरानी वंदे भारत से इसकी गति 20 किमी प्रतिघंटा ज्यादा
गौरतलब है कि तीसरी और नई वंदे भारत एक्सप्रेस ने अपनी रफ्तार से हाल ही में आश्चर्यचकित कर दिया था। नई वंदे भारत एक्सप्रेस ने ट्रायल रन के दौरान सिर्फ 52 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली थी। यह रफ्तार पाकर वंदे भारत ने बुलेट ट्रेनों का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों इसके ट्रायल के बाद बताया था कि नई वंदे भारत की गति पुरानी वंदे भारत ट्रेन से 20 किमी प्रतिघंटा ज्यादा है। रेलमंत्री ने यह भी बताया था कि फोटोकैटलिटिक एयर प्यूरीफायर सिस्टम नई वंदे भारत ट्रेन को कोरोना सहित हवा से फैलने वाली तमाम बीमारियों से मुक्त रखेगा। आज इसी सेमीहाईस्पीड ट्रेन को पीएम मोदी हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं।
जानिए वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियत
वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर चली थी। दूसरी ट्रेन नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता, कटरा रूट पर चलाई गई थी। अब यह तीसरी वंदे भारत ट्रेन पहले की वंदे भारत ट्रेनों से अलग होगी। इस नई ट्रेन में यात्री सुविधाओं को देखते हुए कई तरह के परिवर्तन किए गए हैं।
आधुनिक तकनीक से लैस है यह ‘वंदे भारत‘
गुजरात में चलने वाली इस वंदे भारत ट्रेन में पहली बार ‘कवच‘ तकनीक को लॉन्च किया जा रहा है। इस तकनीक की मदद से दो ट्रेनों की आमने सामने से होने वाली टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा। इस तकनीक को देश में ही विकसित किया गया है, जिसके कारण इसकी लागत काफी कम है। केन्द्र सरकार द्वारा 2022 के बजट में 2000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच‘ के तहत लाने की योजना के बारे में एलान किया गया था।
0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति 52 सेकंड में
देश में निर्मित सेमीहाई स्पीड ट्रेन के नाम से पहचानी जाने वाली यह ट्रेन 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति मात्र 52 सेकंड में हासिल कर लेती है। इस ट्रेन में यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ.साथ टच फ्री स्लाइडिंग डोर के साथ स्वचालित प्लग दरवाजे भी लगे हुए हैं। एसी की मॉनिटरिंग के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम और कंट्रोल सेन्टर व मैंटेनेंस स्टाफ के साथ कम्युनिकेशन एवं फीडबैक के लिए जीएसएम या जीपीआरएस जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।