Udaipur Murder Case: उदयपुर हत्याकांड के बाद देशभर में बवाल मचा है। इस बीच एक लेटर पैड वायरल हुआ है। इसके जरिए गुजरात के बनासकांठा में मुस्लिम फेरीवालों से सामान नहीं खरीदने का फरमान जारी किया गया है। हालांकि इस पर बनासकांठा प्रशासन की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। शनिवार को प्रशासन की तरफ से कहा गया कि वाघासन समूह की ग्राम पंचायत के लेटर पैड पर दुकानदारों को मुस्लिम फेरीवालों से सामान नहीं खरीदने का जो निर्देश दिया गया है वो आधिकारिक नहीं है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक बनासकांठा जिला विकास अधिकारी स्वप्निल खरे ने कहा कि, ''जिस व्यक्ति ने लेटर पैड पर हस्ताक्षर किए हैं उसके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।''
वाघासन ग्राम पंचायत ने क्या कहा?
बनासकांठा जिला प्रशासन ने जो बयान जारी किया है उसमें कहा गया है कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से लेटर पैड में लिखी गई बातों के बारे में पता चला। विज्ञप्ति में कहा गया है कि वाघासन समूह ग्राम पंचायत को विभाजित किया गया है और वाघासन ग्राम पंचायत को अलग कर दिया गया है। पिछले साल 2 नवंबर को इसके लिए एक प्रशासन नियुक्त किया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है, '' वर्तमान में सवापुरा के तलाटी सह मंत्री आरआर चौधरी वाघासन ग्राम पंचायत के प्रशासक के रूप में काम कर रहे हैं। इस प्रकार यह लेटर पैड मौजूदा वाघासन ग्राम पंचायत द्वारा नहीं लिखा गया है और न ही इसका समर्थन करता है।''
लेटर पैड में क्या लिखा है?
सोशल मीडिया पर जो लेटर पैड वायरल हो रहा है। वह 30 जून का है। लेटर में कहा गया है कि वाघासम गांव के दुकानदारों को उदयपुर में टेलर की हत्या को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम समुदाय के फेरीवालों से सामान नहीं खरीदना चाहिए। लेटर पर पूर्व सरपंच माफीबेन पटेल का हस्ताक्षार और मोहर है। लेटर में कहा गया है कि अगर कोई दुकानदार मुस्लिम व्यापारियों से सामान खरीदते हुए पकड़ा गया तो उस पर 5100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा और वो पैसा योगदान गोशाला को दिया जाएगा।