'एंजियोप्लास्टी की जरूरत नहीं थी', आयुष्मान योजना के 2 लाभार्थियों की मौत की जांच में खुलासा
आयुष्मान योजना के दो लाभार्थियों- नागरभाई सेनमा (59) और महेश बारोट (45) की अहमदाबाद के बोदकदेव इलाके में स्थित ख्याति मल्टीस्पेशियल्टी अस्पताल में सोमवार को एंजियोप्लास्टी के साथ-साथ स्टेंट लगाने की प्रक्रिया के कुछ देर बाद मौत हो गई थी।
गुजरात में आयुष्मान भारत योजना के जिन दो लाभार्थियों की एक प्राइवेट अस्पताल में एंजियोप्लास्टी के बाद मौत हो गई, उन्हें इस सर्जरी की जरूरत ही नहीं थी। गुजरात सरकार के एक अधिकारी ने मामले की प्रारंभिक जांच के आधार पर बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने मामले को बेहद गंभीर बताया और कहा कि गुजरात सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के दोनों लाभार्थियों की मौत को लेकर पुलिस में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या और आपराधिक साजिश की शिकायत दर्ज कराएगी।
पीएमजेएवाई के तहत जरूरतमंद लोगों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जाता है। इस योजना के दो लाभार्थियों- नागरभाई सेनमा (59) और महेश बारोट (45) की अहमदाबाद के बोदकदेव इलाके में स्थित ख्याति मल्टीस्पेशियल्टी अस्पताल में सोमवार को एंजियोप्लास्टी के साथ-साथ स्टेंट लगाने की प्रक्रिया के कुछ देर बाद मौत हो गई थी।
मरीजों को सर्जरी के बाद नहीं दिया उचित इलाज
एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत हृदय में खून के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए अवरुद्ध या संकुचित कोरोनरी धमनियों को चौड़ा किया जाता है। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग) धनंजय द्विवेदी ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार की शुरुआती जांच से पता चला है कि 7 लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई थी, जबकि उनमें इस प्रक्रिया की कोई जरूरत नहीं थी। द्विवेदी ने कहा, “हमारे जांच दल ने पाया कि एंजियोप्लास्टी की कोई जरूरत नहीं थी। फिर भी, अस्पताल ने लोगों की सर्जरी की। इसके अलावा, इन मरीजों को सर्जरी के बाद उचित इलाज नहीं दिया गया। नतीजा यह हुआ कि सोमवार रात करीब 10 बजे इनमें से दो की मौत हो गई। हम इसे बेहद गंभीर मामला मानते हैं।”
गैर-इरादतन हत्या, जालसाजी का केस दर्ज होगा
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या, जालसाजी और आपराधिक साजिश की शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया है। हम गुजरात मेडिकल काउंसिल से इस कृत्य में शामिल डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध करेंगे।” द्विवेदी ने बताया कि घटना के बाद उक्त निजी अस्पताल को पीएमजेएवाई के तहत लाभार्थियों के इलाज से “वर्जित” कर दिया गया है, जबकि जिन डॉक्टरों ने मरीजों की एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी की थी, उन्हें इस योजना के तहत किसी अन्य चिकित्सा सुविधा में सेवाएं देने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “उक्त अस्पताल ने अतीत में पीएमजेएवाई के तहत हृदय संबंधी जो भी जांच और सर्जरी की, हम उनकी भी जांच करेंगे। इसके अलावा, अस्पताल (ख्याति मल्टीस्पेशलिटी) के मालिकों द्वारा संचालित अन्य चिकित्सा प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।”
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जांच का आदेश
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने मंगलवार को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के दो लाभार्थियों की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत मामले में जांच का आदेश दिया था। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अस्पताल ने रविवार को गुजरात के मेहसाणा जिले के कादी तालुका के बोरिसाना गांव में एक मुफ्त चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया था। पटेल ने बताया कि शिविर के बाद अस्पताल 19 ग्रामीणों को यह कहकर अपने यहां ले लाया कि उन्हें एंजियोग्राफी करानी होगी। उन्होंने बताया कि एंजियोग्राफी के बाद अस्पताल ने उनमें से सात की एंजियोप्लास्टी की और स्टेंट भी डाला। इन सात में से दो मरीजों की सोमवार को सर्जरी के तुरंत बाद मौत हो गई। (भाषा इनपुट्स के साथ)