पार्सल ब्लास्ट मामले के आरोपी गिरफ्तार, चार महीने तक इंटरनेट से सीखा था बम बनाना; सामने आई वजह
अहमदाबाद के साबरमती इलाके में पार्सल में ब्लास्ट होने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने बम बनाने के लिए तीन से चार महीने तक इंटरनेट पर सर्च किया और वहीं से बम बनाना सीखा था।
अहमदाबाद: शहर में कुछ दिन पहले ही एक घर में डिलीवर किए गए पार्सल में विस्फोट का मामला सामने आया था। इस केस में पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आरोपी रूपेन राव (44) को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कथित तौर पर इंटरनेट से बम और देसी पिस्तौल बनाना सीखा था। आरोपी ने अपनी अलग रह रही पत्नी के दोस्त बलदेव सुखाड़िया, पत्नी के पिता और भाई से बदला लेने के लिए ऐसा काम किया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी से दो और बम, एक देसी पिस्तौल, कारतूस और हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद की है। अधिकारी ने बताया कि रूपेन राव की पत्नी के साथ तलाक का मामला कोर्ट में है। विस्फोट शनिवार को सुबह करीब 10.45 बजे साबरमती इलाके में एक घर में हुआ था, जिसमें दो लोग घायल हो गए थे।
दो आरोपियों को पकड़ा गया
पुलिस उपायुक्त (जोन 2) भरत राठौड़ ने कहा, "शनिवार सुबह साबरमती क्षेत्र में सुखाड़िया के घर पर पहुंचाए गए पार्सल में विस्फोट होने के बाद, हमने मौके से गौरव गढ़वी नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया। तकनीकी निगरानी की मदद से रूपेन राव और उसके सहयोगी रोहन रावल (21) को रात में ही पकड़ लिया गया।’’ राठौड़ ने आगे बताया कि पुलिस ने सल्फर पाउडर, बारूद और एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से बनाये गए दो बम बरामद किए, जो एक रिमोट कंट्रोल से संचालित प्रतीत होते हैं और साथ ही एक देशी पिस्तौल भी बरामद की है, जो रूपेन राव ने बनाया था।
आरोपी ने बताई वजह
उन्होंने कहा कि रूपेन राव का मानना था कि सुखाड़िया ने उसके और उसकी पत्नी के बीच दरार पैदा की और उसे पत्नी और उनके बच्चों से दूर किया। अधिकारी ने कहा कि आरोपी का मानना था कि उसकी पत्नी, ससुर और साले ने उसे पेट की बीमारी के कारण कमजोर महसूस कराया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने सुखाड़िया और उसके ससुराल वालों को मारने, अलग रह रही उसकी पत्नी को उसके परिवार से अलग करने और उसे अकेला महसूस कराने के लिए तीन से चार महीने में इंटरनेट पर बम और हथियार बनाना सीखना शुरू कर दिया। राठौड़ ने बताया, ‘‘इसलिए, राव और सह-आरोपी ने सल्फर पाउडर, ब्लेड, बैटरी, चारकोल और पटाखों से निकलने वाले बारूद जैसी सामग्री का उपयोग करके रिमोट-कंट्रोल बम बनाने की साजिश रची। उसने इंटरनेट से देसी पिस्तौल बनाना भी सीखा।’’
सहयोगी ने 6 महीने तक दिया साथ
रोहन रावल ने आर्थिक कारणों से छह महीने तक रूपेन राव के साथ काम किया। अधिकारी ने बताया कि रोहन रावल ने सबसे पहले शुक्रवार रात को बम के साथ पार्सल सुखाड़िया के घर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि हालांकि, चूंकि उनका लक्षित व्यक्ति घर में नहीं था, इसलिए वह पार्सल दिए बिना ही वापस लौट आया। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद दोनों ने गढ़वी को अगले दिन पार्सल पहुंचाने के लिए भेजा और रावल वहीं रुक गया और बम विस्फोट करने के लिए रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल किया। डीसीपी ने बताया कि इन लोगों ने राव के ससुर और साले को भी इसी तरह मारने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश में पुलिस को एक कार से दो बम मिले, जिन्हें बम का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने वाले दस्ते (बीडीडीएस) और एफएसएल दलों ने समय रहते निष्क्रिय कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उसी कार से एक देसी पिस्तौल भी बरामद की है।
कई विस्फोटक सामग्री बरामद
राठौड़ ने कहा, ‘‘बम की वास्तविक प्रकृति एफएसएल रिपोर्ट से स्पष्ट होगी, लेकिन प्रथम दृष्टया हम समझते हैं कि अगर ऐसे बम का शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से पर प्रभाव हो तो व्यक्ति की मौत हो सकती है।’’ दो बम और एक पिस्तौल के अलावा पुलिस ने राव के घर से विस्फोटक और हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली कुछ सामग्री भी बरामद की। पुलिस ने बताया कि पांच कारतूस, चार हाई-वोल्टेज बैटरी सेल, सिंगल और डबल बैरल की तीन अधूरी देसी पिस्तौल, अलग-अलग माप की 10 पाइप, दो रिमोट, तीन मोबाइल फोन, कील और पेंच, ब्लेड के डिब्बे, गैस सिलेंडर, ड्रिल मशीन आदि बरामद किए हैं। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। (इनपुट- एजेंसी)
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