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Hindi News गुजरात जिन आरोपियों पर बरसाए गए कोड़े, उन्होंने पुलिसकर्मियों का मुआवजा ठुकराया

जिन आरोपियों पर बरसाए गए कोड़े, उन्होंने पुलिसकर्मियों का मुआवजा ठुकराया

गुजरात के खेड़ा में अल्पसंख्यक समुदाय के जिन पांच लोगों को एक खंभे से बांधकर कोड़े मारे गए थे, उन्होंने इस कृत्य के लिए अदालत की अवमानना के दोषी ठहराए गए चार पुलिसकर्मियों से मुआवजा लेने से मना कर दिया है। मामले में गुजरात हाई कोर्ट 19 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

गुजरात हाई कोर्ट- India TV Hindi Image Source : IANS गुजरात हाई कोर्ट

गुजरात हाई कोर्ट को सोमवार बताया कि खेड़ा जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के जिन पांच लोगों को एक खंभे से बांधकर सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे, उन्होंने इस कृत्य के लिए अदालत की अवमानना के दोषी ठहराए गए चार पुलिसकर्मियों से मुआवजा लेने से मना कर दिया है। न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और न्यायमूर्ति गीता गोपी की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों को निर्देश दिया था कि वे शिकायतकर्ताओं से उचित निर्देश लें। इससे पहले पुलिसकर्मियों ने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें दंडित करने के बजाय पीड़ितों को मुआवजा देने की इजाजत दी जाए, क्योंकि आरोपों का असर उनके करियर पर पड़ेगा। 

नहीं हो सका समझौता 

पुलिसकर्मियों के वकील प्रकाश जानी ने अदालत में दलील दी कि उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ शिकायकर्ताओं और उनके वकील आई एच सैयद से बहुत गंभीर और सकारात्मक मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हालांकि वकीलों के भरपूर प्रयासों के बावजूद शिकायतकर्ताओं ने अपने रिश्तेदारों और समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर यह फैसला किया है कि मुआवजा नहीं लेंगे। अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं हो सका और वह गुरुवार यानी 19 अक्टूबर को आदेश सुनाएगी। 

क्या है मामला?

अदालत ने पिछली सुनवाई में पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। उन्हें किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले उचित प्रक्रिया के अनुपालन के संबंध में डीके बासु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य के मामले में जारी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए अदालत की अवमानना कानून के तहत दोषी ठहराया गया था। मामले के विवरण के अनुसार, पिछले साल 7 अक्टूबर को नवरात्रि उत्सव के दौरान मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने कथित रूप से खेड़ा जिले के उंधेला गांव में गरबा के एक आयोजन स्थल पर पत्थर बरसाए थे, जिसमें कुछ ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार 13 आरोपियों में से तीन को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारते देखा जा सकता है। घटना के बाद पांच आरोपियों ने हाई कोर्ट में जाकर दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर अदालत की अवमानना की।
- PTI इनपुट के साथ

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