‘संतोष’ से ‘अब्दुल्ला’ बने भाई ने किया फोन, साथी बोला, ‘आप भी इस्लाम कबूल कर लो’
6 साल पहले गायब हुए संतोष नाम के एक लड़के ने अपने भाइयों को अचानक फोन किया और बताया कि वह अब अब्दुल्ला बन गया है।
अहमदाबाद: उत्तर प्रदेश में कई लोगों के धर्मांतरण का मामला खुलने के बाद अब कुछ ऐसा ही केस सूरत से सामने आया है। यहां 6 साल पहले गायब हुए संतोष नाम के एक लड़के ने अपने भाइयों को अचानक फोन किया और बताया कि वह अब अब्दुल्ला बन गया है। उसके भाई उस समय और भी हैरत में आ गए जब वह हूरों और जन्नत की बातें करने लगा। अब्दुल्ला ने कन्वर्ट होने के बाद अपने भाइयों को वीडियो भी भेजे थे, और फोन पर भी बात की थी।
‘मैं अब्दुल्ला बन गया हूं, मदरसे में पढ़ाता हूं’
उसने फोन पर अपने भाई से कहा कि वह अब संतोष से अब्दुल्ला बन गया है और कश्मीर के दोस्तों के साथ मदरसे में है। उसने साथ ही कहा कि उन्होंने गाय मारकर सही किया क्योंकि इस्लाम में यह सब जायज है। सूरत के आजाद नगर इलाके में रहने वाले 3 अनाथ भाइयों में से सबसे छोटा संतोष 2013 में गायब हो गया था। उसके 2 बड़े भाइयों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन उसकी कोई खोज खबर नहीं मिली। एक दिन संतोष ने 6 साल बाद अचानक ही अपने भाइयों को फोन किया और कहा कि अब वह संतोष नहीं बल्कि अब्दुल्ला बन गया है, उसने इस्लाम अपना लिया है और वह एक मदरसे में पढ़ाता है।
‘मेरे भाई का ब्रेनवॉश कर दिया गया है’
संतोष की बात सुनकर राजेश और दिनेश के पैरों तले जमीन खिसक गई। बचपन से अनाथ होने के कारण तीनों भाइयों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। दोनों भाइयों ने आरोप लगाया है कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के वजह से लालच और प्रलोभन देकर संतोष को अब्दुल्ला बनाया गया। भाइयों का कहना है कि उन्होंने लाख समझाने की कोशिश की, लेकिन वह समझने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके भाई का ब्रेनवॉश कर दिया गया है। राजेश और दिनेश ने कहा कि कुछ समय पहले वह अपने कश्मीरी दोस्तों के साथ था जिनकी पहचान पाकिस्तान में कुछ लोगों से थी।
मदरसे से संतोष को वापस लाई थी पुलिस
राजेश और दिनेश ने पूरे मामले की जानकारी हिंदू संगठन को दी, जिसके संयोजक देवी प्रसाद दुबे ने मामले की गंभीरता के बारे में पुलिस को सूचना दी। पुलिस संतोष को दिल्ली के एक मदरसे से सूरत ले आई लेकिन कुछ महीनों बाद वह भाइयों को बिना बताए वापस चला गया। इस पूरे मामले में देवी प्रसाद दुबे ने बताया कि स्लीपर सेल की तरह उसका इस्तेमाल हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे लड़कों का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में भी किया जा सकता है, इस बाबत सरकार और पुलिस को ध्यान देना चाहिए।
‘आप भी इस्लाम कबूल कर लो, जन्नत मिलेगी’
राजेश और दिनेश ने कहा कि वह सूरत आने से डरता है क्योंकि उसे लगता है कि उसे यहां मारा-पीटा जाएगा। बचपन से ही मुस्लिम इलाके में रहने के चलते वह पास की मस्जिद में भी जाता था लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि उसे बहला-फुसलाकर उसका धर्म परिवर्तन करवाया जाएगा। वहीं, जब संतोष का फोन आया था तो उसके साथियों से भाइयों ने उसे वापस भेजने के लिए कहा था, जिसके जवाब में कश्मीरी साथी ने कहा था कि वह वापस नहीं जाएगा और इसकी शादी करवाई जाएगी। संतोष के साथियों ने साथ ही उसके भाइयों से कहा था, ‘आप भी इस्लाम कबूल कर लो, हमारा मजहब बड़ा आसान है। इसमें जीते जी भी नफा है और मरने के बाद भी नफा है, जन्नत में जाओगे।'