गुजरात की कच्छ मुंद्रा सीमा पर कस्टम विभाग ने ट्रामाडोल की 68 लाख गोलियां जब्त की हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी कीमत लगभग 110 करोड़ रुपये है। शनिवार को 26 लाख ट्रामाडोल की गोलियां जब्त की गई थीं। इसके बाद उसी निर्यातक से संबंधित एक और शिपिंग बिल की जांच की गई और रविवार उसे पूरा किया गया। जांच में कुछ घोषित दवा उत्पादों के अलावा, निर्यात खेप में अघोषित रॉयल-225 (ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट 225 मिलीग्राम) की एक बड़ी मात्रा पाई गई।
ये दवा की पट्टियां पहली जब्ती से अलग पैटर्न की थीं, लेकिन इनमें निर्माता का विवरण भी नहीं था। इस जांच में आगे की तलाशी जारी है। अहमदाबाद में एक खाली पड़े गोदाम में की गई जांच में ट्रामाडोल की कुछ और गोलियां मिली हैं, जिनकी मात्रा का पता लगाया जा रहा है। कुल मिलाकर ट्रामाडोल की 68,00,000 गोलियां जब्त की गई हैं, जिनकी बाजार कीमत लगभग 110 करोड़ रुपये है। शनिवार को 26 लाख और रविवार को 42 लाख गोलियां जब्त की गईं।
क्या है ट्रामाडोल
ट्रामाडोल एक ओपिओइड दर्द की दवा है, जो एक मनोदैहिक पदार्थ है और ट्रामाडोल का निर्यात एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 8 (सी) के तहत प्रतिबंधित है। ट्रामाडोल को वर्ष 2018 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक मनोदैहिक पदार्थ के रूप में अधिसूचित किया गया था। ट्रामाडोल को हाल ही में एक लड़ाकू दवा के रूप में प्रसिद्धि मिली है, क्योंकि आईएसआईएस के सदस्यों ने कथित तौर पर लंबे समय तक जागते रहने के लिए इसका इस्तेमाल किया था। यह भी पाया गया है कि यह सिंथेटिक ओपिओइड दवा नाइजीरिया, घाना आदि अफ्रीकी देशों में लोकप्रिय और उच्च मांग में है। एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिसूचित होने के बाद से कच्छ मुंद्रा सीमा शुल्क द्वारा की गई जब्ती ट्रामाडोल की सबसे बड़ी जब्ती में से एक है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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