'2024 में 5 से ज्यादा सीट नहीं जीत पाएंगे', नारायण राणे का उद्धव ठाकरे पर बड़ा हमला
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी 2024 के विधानसभा चुनावों में 5 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी।
अहमदाबाद: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बड़ा हमला बोला। राणे ने दावा किया कि अगले साल होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) 5 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी। समर्थन जुटाने के लिए अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मुलाकात के लिए उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए राणे ने अहमदाबाद में कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे कभी भी अन्य राजनीतिक नेताओं के कार्यालयों या आवासों पर नहीं गए।
मीडिया से बात कर रहे थे नारायण राणे
देश में समान नागरिक संहिता लागू करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जोर के बीच राणे ने कहा कि केंद्र सरकार ने आदिवासियों के लिए और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदायों के उद्यमियों की मदद के लिए कई काम किए हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि हम उन्हें इस मुद्दे पर मनाने में सक्षम होंगे।’ राणे अहमदाबाद में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
उद्धव ठाकरे ने तोड़ा था बीजेपी से नाता
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया था और महा विकास आघाडी सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। पिछले साल जून में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। इससे पार्टी में बंटवारा हो गया और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई। शिंदे ने भाजपा के समर्थन से 30 जून 2022 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
‘5 विधायकों से भी कम हो जाएगी संख्या’
राणे ने कहा, ‘महाराष्ट्र में बीजेपी और एकनाथ शिंदे की सरकार मजबूत हो रही है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास अब केवल 13-14 विधायक बचे हैं। 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद उनकी संख्या 5 विधायकों से भी कम हो जाएगी।’ इस बीच महाविकास आघाड़ी के तीनों राजनीतिक दल आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का दावा कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका है। हालांकि माना जा रहा है कि आघाड़ी के दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर पेंच फंस सकता है।