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Hindi News गुजरात Railway Job: रेलवे में नौकरी पाने के लिए अपने अंगूठे की खाल दोस्त के अंगूठे पर लगाई, सैनेटाइज़र छिड़कते ही खुल गई पोल, दोनों गिरफ्तार

Railway Job: रेलवे में नौकरी पाने के लिए अपने अंगूठे की खाल दोस्त के अंगूठे पर लगाई, सैनेटाइज़र छिड़कते ही खुल गई पोल, दोनों गिरफ्तार

Railway Job: रेलवे ग्रुप D की परीक्षा में पास होने के लिए एक अभ्यार्थी ने अपने अंगूठे की खाल को उखाड़ कर डमी कैंडिडेट के अंगूठे पर चिपका दिया था। लेकिन जब आधार कार्ड से डमी कैंडिडेट का बायोमेट्रिक सत्यापन किया गया तब अंगूठे का निशान मैच नहीं हो पाया। जिससे पूरे खेल का पर्दाफाश हो गया।

Railway Group D Exam- India TV Hindi Railway Group D Exam

Highlights

  • अभ्यार्थी ने डमी कैंडिडेट को अपनी जगह परीक्षा देने के लिए भेजा
  • बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए अपने अंगूठे की खाल दोस्त के अंगूठे पर चिपकाई
  • आधार कार्ड में अंगूठे का निशान बार-बार मिलाने के बाद भी मैच नहीं हुआ

Railway Job: रेलवे की नौकरी पाने के लिए एक अभ्यर्थी ने अपने अंगूठे की खाल को गर्म तवे पर रखकर हटाया और इसे अपने दोस्त के अगूंठे पर चिपका दिया ताकि वह बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजर जाए और उसकी जगह भर्ती परीक्षा में बैठ पाने में सफल हो सके। अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि इस फर्जी अभ्यर्थी के अंगूठे पर चिपकाई गई खाल तब निकल गई जब 22 अगस्त को गुजरात के वडोदरा में आयोजित रेलवे भर्ती परीक्षा से पहले बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान परीक्षा पर्यवेक्षक ने उसके हाथ पर सैनेटाइज़र छिड़का। 

दोनों अभ्यार्थी हुए गिरफ्तार

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त एस.एम. वरोतारिया ने बताया कि वडोदरा पुलिस ने असल अभ्यर्थी मनीष कुमार और डमी कैंडिडेट राज्यगुरु गुप्ता को धोखाधड़ी और जालसाज़ी के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। गुप्ता बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि दोनों की उम्र 25 वर्ष के आसपास है और उन्होंने पहले 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी। वडोदरा के लक्ष्मीपुरा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, रेलवे ने ग्रुप ‘डी’ की रिक्तियों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित कराने के लिए एक निजी कंपनी को जिम्मेदारी दी थी और यह परीक्षा लक्ष्मीपुरा इलाके की एक इमारत में 22 अगस्त को आयोजित हुई थी जिसमें 600 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। 

आधार ने बिगाड़ा खेल

वतोरिया ने बताया कि नकल को रोकने के लिए सभी अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन किया गया था जिसके तहत एक उपकरण के जरिए उनके अंगूठे के निशान को आधार डेटा से मिलाया गया था। उन्होंने बताया कि कुमार नाम के अभ्यर्थी का सत्यापन बार-बार की कोशिश के बाद भी नहीं हुआ तो पर्यवेक्षक को शक हुआ और उन्होंने उसके हाथ पर सैनेटाइज़र छिड़का जिससे अंगूठे पर लगाई गई खाल निकल गई।