खादी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उठाया गया ये कदम, QCI-KVIC साथ मिलकर करेंगे काम
QCI और KVIC के बीच सहयोग का उद्देश्य एक विकसित भारत के लिए मार्ग प्रशस्त करना है। यह सहयोग खादी के लिए 'मेड इन इंडिया' लेबल भी प्रस्तुत करेगा, जिससे दुनिया भर में संपूर्ण खादी उद्योग के लिए गुणवत्ता के प्रतीक के रूप में खादी उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
गुजरात के अहमदाबाद में आज बुधवार को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI-भारतीय गुणवत्ता परिषद) और खादी विलेज एंड इंडस्ट्रीज कमीशन (KVIC-खादी ग्राम एवं उद्योग आयोग) ने खादी उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, कारीगरों को सशक्त बनाने और खादी के लिए 'मेड इन इंडिया' लेबल प्रस्तुत करने के लिए एक अभूतपूर्व सहयोग शुरू किया है। यह सहयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता और पर्यावरण के अनुकूल Sustainable Development को एक प्रतीक के रूप में बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को साकार करता है। इसके संदर्भ में एक MoU पर गांधी द्वारा भारत में बनाए गए अपने सबसे पहले आश्रम 'कोचरब आश्रम' में हस्ताक्षर किए गए। खादी को महात्मा गांधी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक और ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के एक उपकरण के रूप में लोकप्रिय बनाया।
QCI के अध्यक्ष जक्षय शाह और KVIC के अध्यक्ष मनोज कुमार की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। QCI और KVIC के बीच सहयोग का उद्देश्य एक विकसित भारत के लिए मार्ग प्रशस्त करना है, जो समग्र गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है और साथ में यह सुनिश्चित करता है कि खादी न केवल अपनी कालातीत अपील बरकरार रखे, बल्कि गुणवत्ता और स्थिरता का एक वैश्विक प्रतीक भी बने।
खादी के लिए 'मेड इन इंडिया' लेबल
QCI विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से खादी और खादी ग्रामोद्योग उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाकर KVIC को अपना समर्थन प्रदान करेगा, जिसमें थर्ड पार्टी मूल्यांकन फ्रेमवर्क, कारीगरों को उनकी उत्पादकता और आय क्षमता में सुधार करने के लिए सशक्त बनाना, स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खादी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण सहित विविध हस्तक्षेपों द्वारा सशक्तिकरण शामिल है। इसके अलावा यह सहयोग खादी के लिए 'मेड इन इंडिया' लेबल भी प्रस्तुत करेगा, जिससे दुनिया भर में संपूर्ण खादी उद्योग के लिए गुणवत्ता के प्रतीक के रूप में खादी उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। साथ ही यह खादी कारीगरों को अधिक उत्पादकता और कार्यक्षमता सहित उन्नत कौशल और ज्ञान से लैस करके उनकी आय में बढ़ोतरी करेगा। इससे रोजगार के नए अवसर सहित कई लाभ होंगे।
"खादी भारत की संस्कृति और विरासत का प्रतीक है"
इस महत्वपूर्ण अवसर पर QCI के अध्यक्ष जक्षय शाह ने कहा, "खादी और KVIC उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और इसमें शामिल कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए KVIC के साथ साझेदारी करना बहुत गर्व का क्षण है, क्योंकि खादी सिर्फ एक उद्योग नहीं है, बल्कि भारत की संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। गांधीजी के शब्दों में खादी कपड़े का एक टुकड़ा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की विचारधारा है। खादी भारत की सांस्कृतिक पहचान, शिल्प कौशल और स्थिरता का भी प्रतिनिधित्व करती है। हालांकि, आज यह परंपरा और आधुनिकता के चौराहे पर खड़ी है। आज जबकि हमारा लक्ष्य एक विकसित भारत का निर्माण करना है और इसे हासिल करने के लिए काम करते हुए यह सहयोग निश्चित रूप से खादी के सार को संरक्षित करने में योगदान देगा और व्यापक वैश्विक मान्यता का मार्ग प्रशस्त करेगा।''
कार्यक्रम के दौरान KVIC के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, "खादी भारत की आत्मनिर्भरता के साथ-साथ स्थिरता का हाथ से बुना हुआ प्रतीक है। खादी उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में 2013-14 से 2022-23 तक 268% की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी के साथ उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। इसी अवधि में बिक्री में 332% की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी देखी गई है। इस मजबूत वृद्धि से अकेले वित्त वर्ष 2023 में 9.54 लाख नौकरियां सृजित हुईं। अब QCI के साथ इस सहयोग से हमें विश्वास है कि खादी उद्योग और इससे जुड़े कारीगरों को खादी के प्रति अधिक पहचान और उपभोक्ता झुकाव दिखाई देगा।"