अहमदाबाद: गुजरात के बहुचर्चित हेड क्लर्क परीक्षा पेपर लीक मामले में आखिरकार शुक्रवार को गुजरात सरकार ने स्वीकार कर ही लिया कि पेपर लिक हुआ था और इस मामले में एफआईआर भी दर्जकर 10 में से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी 4 आरोपियों की तलाश जारी है। गुजरात माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड (जीएसएसएसबी) द्वारा रविवार को आयोजित गैर-सचिवालय हेड क्लर्क परीक्षा में हिम्मतनगर तालुका से पेपर लीक के सनसनीखेज आरोप के बाद जब मामले ने काफी तूल पकड़ा तब जाकर सरकार जागी और आज गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी को मीडिया के सामने आकर इस पर खुलासा करना पड़ा। हर्ष संघवी ने बताया कि इस मामले में सूबे में 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें से 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि 4 लोगों की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ स्थानीय थाने में धारा 406, 420, 409 व 120 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सरकार ने आज प्रेस वार्ता में माना कि माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड द्वारा ली गई हेड क्लर्क की परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। हेड क्लर्क का परीक्षा पत्र लीक होने की शिकायत साबरकांठा स्थानीय थाने में दर्ज करायी गयी है। पेपर लीक मामले में 10 में से छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, 4 की तलाश जारी है। प्रांतीय थाने में धारा 406, 420, 409 व 120 के तहत मामला दर्ज किया गया है अब तक गिरफ्तार आरोपियों के नाम- ध्रुव बरोट, चिंतन पटेल, दर्शन व्यास, ध्रुव बरोट, महेश पटेल, कुलदीप, सुरेश पटेल हैं, बाकी 4 आरोपी भी राडार पर हैं, जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले में हिम्मतनगर रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट वाली एक कार भी जब्त की गई है। कहा जा रहा हे कि परीक्षा के पेपर के हल किए गए 42 छात्रों में से प्रत्येक से 10 लाख रुपए लिए गए थे।
जानकारी के मुताबिक, पेपर लीक होने के बाद आरोपियों ने एक फार्म हाउस में बैठक की थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड का कर्मचारी लीक कांड में शामिल है या नहीं। आरोपित ने छात्रों के साथ होटल में खाना खाकर फार्म हाउस में पेपर हल किया। लिक पेपर को 3 अलग-अलग जगहों पर हल किया गया। जानकारी के मुताबिक, आधी रात के करीब एक शिक्षक को भी बुलाया गया ताकि छात्रों को प्रश्नों को हल करने में मदद मिल सके। उन्होंने लगभग 1.30 बजे परीक्षा का पेपर हल करना समाप्त किया। दावा है कि पेपर तब लगभग 42 छात्रों को वितरित किया गया था और प्रत्येक उम्मीदवार से लगभग 10 लाख रुपए लिए थे।
पेपर लीक के मुद्दे पर गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मामले को मीडिया ने रिपोर्ट किया था और जांच के निर्देश दिए गए थे। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न पहलुओं के तहत जांच की गई।उन्होंने कहा कि गृह विभाग द्वारा सघन जांच सुनिश्चित करने के लिए पहले दिन से ही सतर्कता बरती जा रही है। गृह विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी सतर्कता बरती है कि संदिग्धों को भागने का मौका न मिले। गृह विभाग द्वारा 24 से अधिक टीमों का गठन किया गया था। गौरतलब है कि, रविवार सुबह परीक्षा आयोजित करने से कुछ घंटे पहले हेड क्लर्क के 186 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा प्रश्न पत्र शनिवार रात को कथित तौर पर लीक कर दिया था। राज्य में पिछले 9 साल में 10वीं बार भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। बहरहाल इस लीक कांड से 88 हजार परीक्षार्थिओं के सपने मिट्टी में मिलते दिखाई दे रहे हैं।