PM मोदी कल वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा, देंगे 5 हजार करोड़ से ज्यादा की सौगात; ये है कार्यक्रम का शेड्यूल
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन की शुरुआत 28 सितंबर 2003 को हुई थी। अपने 9 वर्षों के इतिहास में वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन ने हर बार कामयाबी की नई परिभाषा लिखी है।
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के 20 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 27 सितंबर को पूर्वाह्न करीब 10 बजे, प्रधानमंत्री वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। बयान में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में उद्योग संघों, व्यापार और वाणिज्य क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों, युवा उद्यमियों, उच्चतर और तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के छात्रों सहित अन्य लोगों की भागीदारी होगी।
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन की शुरुआत 28 सितंबर 2003 को हुई थी। बयान में कहा गया है कि 27 सितंबर को दोपहर करीब पौने एक बजे मोदी छोटा उदयपुर के बोडेली पहुंचेंगे, जहां वह 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे।
ये है PM मोदी के दौरे का शेड्यूल-
- 27 सितंबर को पीएम मोदी अहमदाबाद साइंस सिटी में 9:30 बजे वाइब्रेंट गुजरात के 20 साल के जश्न कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- उसके बाद सुबह 11:30 बजे बोडेली सरकारी कार्यक्रम में भाग लेंगे।
- दोपहर 2:45 बजे बोडेली से वडोदरा पहुंचेंगे।
- 3:30 बजे नारी वंदना कार्यक्रम से वडोदरा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत होगा।
- उसके बाद वह 3.45 बजे वडोदरा से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
वाइब्रेंट गुजरात की 20 वर्ष की यात्रा
- वर्ष 2003 से गुजरात सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाला द्विवार्षिक सम्मेलन ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ का उद्देश्य कॉर्पोरेट लीडर्स, विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों, विचारकों, विशेषज्ञों एवं नीति निर्माताओं को एक मंच पर एक साथ लाना है।
- गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत संकल्पित यह सम्मेलन, कारोबारी नेटवर्किंग, ज्ञान के आदान-प्रदान, समावेशी एवं सतत विकास के लिए आवश्यक रणनीतिक साझेदारी के लिए सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक मंच के रूप में उभरा है।
- अपने 9 वर्षों के इतिहास में वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन ने हर बार कामयाबी की नई परिभाषा लिखी है। गत वर्षों की ज़बरदस्त सफलता ने गुजरात के आमूलचूल परिवर्तन में बहुत योगदान दिया है। समावेशी विकास सदैव ही गुजरात सरकार का मुख्य केंद्र बिंदु रहा है। गुजरात के समावेशी विकास के लिए जिन अहम क्षेत्रों की पहचान की गई हैं उनमें, नवाचार, सतत विकास, युवा एवं कौशल विकास एवं ज्ञान का आदान-प्रदान करना शामिल है।
- वर्ष 2003 में हुए ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ के तहत विभिन्न क्षेत्रों में गुजरात की अपार क्षमता एवं संभावनाओं का प्रदर्शन किया गया। इस सम्मेलन की आश्चर्यजनक सफलता के बाद वर्ष 2005 में आयोजित किए गए वाइब्रेंट गुजरात के अगले संस्करण को विश्व भर से आए प्रदर्शकों एवं प्रतिभागियों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली। वर्ष 2003 में यह समिट 3000 वर्ग फीट में 36 स्टॉल्स के साथ शुरू हुआ था जिसका दायरा वर्ष 2005 में 161 स्टॉल्स के साथ 9,600 वर्ग मीटर तक फैल गया। सम्मेलन के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए इसे अहमदाबाद की साइंट सिटी में स्थानांतरित कर दिया गया।
- वर्ष 2007 में वाइब्रेंट गुजरात के तीसरे संस्करण तक, गुजरात ने वैश्विक कारोबारी समुदाय के सामने स्वयं को एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया था। वाइब्रेंट गुजरात 2007 के दो मुख्य बिंदु, भारतीय युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ाकर अगली पीढ़ी के भविष्य के लिए शहरी बुनियादी ढांचे का विकास करना और इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों को आकर्षित करके IT/ITes क्रांति लाने में मदद करना था।
- वर्ष 2009 में आयोजित हुए वाइब्रेंट गुजरात के चौथे संस्करण में, जापान पहले भागीदार देश (पार्टनर कंट्री) के रूप में आगे आया जिसके तहत Japan External Trade Organization (JETRO) को इस संस्करण के लिए भागीदार संगठन बनाया गया। इस सम्मेलन में राजनीति के गणमान्य व्यक्तियों समेत 600 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिनमें जापान, ब्रिटेन, चीन, रूस, कनाडा, इज़राइल, पोलैंड, कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), मलावी, इंडोनेशिया, ओमान, केन्या, इटली, सिंगापुर, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, वियतनाम, युगांडा, ज़िम्बाब्वे और मालदीव शामिल हैं।
- साल 2011 के वाइब्रेन्ट गुजरात ग्लोबल समिट में, गुजरात को ‘ग्लोबल बिज़नेस हब’ के रूप में स्थापित करने के लिए थीम निर्धारित की गई थी जिसमें 9 कंट्री स्पेसिफिक सेमिनार और 7 स्टेट स्पेसिफिक सेमिनार आयोजित किए गए थे। कंट्री सेमिनार, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, मोज़ाम्बिक, रवांडा और अमेरिका जैसे देशों द्वारा आयोजित किए गए थे। वाइब्रेंट गुजरात 2011 ने एक ऐसे साझे मंच की भूमिका निभाई जहां वैश्विक कारोबारी समुदाय को गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भी निवेश संभावनाएं ढूंढने का मौका मिला। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और अरुणाचल, असम और मेघालय सहित पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा कुल 8 स्टेट सेमिनार आयोजित किए गए।
- वर्ष 2013 में संपन्न हुए वाइब्रेंट गुजरात के छठे संस्करण ने एक अलग मानक स्थापित किया और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ। अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के माध्यम से अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, भारत और विदेश के लगभग 260 विश्वविद्यालयों और संस्थानों की भागीदारी के साथ 'शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- ‘International Conference for Academic Institutions’ आयोजित किया गया था। यह शिखर सम्मेलन गुजरात में IT/ITeS सेक्टर के लिए भी एक क्रांतिकारी वर्ष साबित हुआ। TCS गरिमा पार्क, गुजरात के आईटी क्षेत्र में विकास के प्रतीक के रूप में उभरा जिसके फलस्वरूप इस क्षेत्र को और भी अधिक बढ़ावा मिला। श्री नरेन्द्र मोदी ने इंडस्ट्री 4.0 की परिकल्पना और इसकी शुरुआत से बहुत पहले ही कर ली थी, इससे गुजरात को इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन सेगमेंट में अग्रणी बनने में मदद मिली।
- वाइब्रेंट गुजरात 2015 के एक हिस्से के रूप में, भारत का पहला ‘ग्लोबल CEO कॉनक्लेव’, विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की वार्षिक बैठक की तर्ज पर आयोजित किया गया था जिसे ‘दावोस शिखर सम्मेलन’ के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य 'मेक इन इंडिया' पहल पर दुनिया के शीर्ष बिजनेस लीडर्स के साथ विचार-विमर्श करना था। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और विश्व बैंक के अध्यक्ष सहित 300 से अधिक CEO और वर्ल्ड लीडर्स ने हिस्सा लिया।
- वाइब्रेंट गुजरात 2017 के दौरान, भारत का पहला नोबेल संवाद आयोजित किया गया था जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के 9 नोबेल पुरस्कार विजेता एक साथ एक मंच पर आए थे। नोबेल फाउंडेशन के सहयोग से सरकार ने ‘नोबेल पुरस्कार श्रृंखला भारत- Nobel Prize Series India’ की शुरुआत की। भारत भर से आए कई छात्र, शोधकर्ता एवं वैज्ञानिकों ने नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साथ सफल संवाद किया जो इस आयोजन की अभूतपूर्व सफलता का प्रमाण है।
- ‘शेपिंग ए न्यू इंडिया’ के थीम के साथ, वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2019 ने कई अहम क्षेत्रों में भारत को दुनिया से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2019 के वाइब्रेन्ट गुजरात में भारत के साथ 15 देशों ने साझेदारी की। सम्मेलन में 5 राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध उद्योगपतियों और 135 से अधिक देशों के 42,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- ग्लोबल सॉवरेन वेल्थ फंड्स, पेंशन फंड्स और संस्थागत निवेशकों के 27 प्रमुखों के साथ एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स राउंडटेबल भी आयोजित किया गया था; भारत और अफ्रीका के बीच बढ़ते संबंधों को मज़बूत करने के लिए ‘अफ्रीका दिवस’ समारोह; MSME सम्मेलन और विज्ञान, प्रोद्यौगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, वाइब्रेंट गुजरात के दौरान आयोजित किए गए कुछ प्रमुख कार्यकमों में शामिल थे।
- वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन ना केवल राज्य अपितु पूरे देश के विकास एवं प्रगति के लिए एक अहम मंच है। यह व्यवसायों और कारोबारी समुदायों को भारत और उसके स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाकर समावेशी रूप से बढ़ने का अवसर प्रदान करता है। यह सम्मेलन अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श बनकर उभरा है।