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गुजरात में चुनाव अफ्रीकी मूल के लोग भी देंगे अपना मत, जानिए Election Commission इन लोगों के लिए क्या बना रहा है प्लान

चुनाव आयोग गुजरात के शहर, गांव यहां तक की जंगलों में भी पोंलिग सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है। आयोग अपने उदेश्य को पूरा करने में लगा है ताकि कोई भी वोट देने से वंचित नहीं रहें।

अफ्रीकी मूल के लोग- India TV Hindi Image Source : TWITTER अफ्रीकी मूल के लोग

गुजरात में चुनाव की बिगुल फुंक दी गई है। चुनाव आयोग दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया है। 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को मतदान होंगे। इसके साथ ही बीजेपी, आप समेत सारी राजनीतिक पार्टियां मैदान में उतर गई है। आयोग भी चुनाव को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। चुनाव आयोग गुजरात के शहर, गांव  यहां तक की जंगलों में भी पोंलिग सेंटर बनाने की तैयारी कर रहा है। आयोग अपने उदेश्य को पूरा करने में लगा है।

आयोग की तैयारी ऐसी चल रही है कि एक सिंगल वोटर भी वोट देने से पीछे ना रहें। इसलिए आयोग अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए मतदान केंद्र जंगल में बना रहा है। ऐसा पहली बार आयोग नहीं करने जा रहा है। गुजरात में जब भी विधानसभा या देश में लोकसभा का चुनाव आता है तो आयोग भी पोलिंग बूथ बनाता है।  

अफ्रीकी मूल के लोग देंगे अपना मत 
जानकारी के लिए बता दें कि गुजरात के गिर जंगलों के जंबूर में एक छोटा अफ्रीका बसा है। यहां रहने वाले अफ्रीकी मूल के भारतीय आदिवासी भी दिसंबर में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट डालकर अपना विधायक चुनेंगे। ये सिद्दी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, यहां कुल 3481 मतदाता हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत सिद्दी समुदाय के हैं। इनके लिए 3 पोलिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं। 

हर बार देते हैं मतदान 
दरअसल, गुजरात के चर्चित गिर जंगल के बीच एक अफ्रीकी गांव बसा है,जिसे जंबूर के नाम से जाना जाता है। यहां रहने वाले सिद्दी आदिवासी मूल रूप से अफ्रीका के बंतू समुदाय से रिश्ता रखते हैं। आज भी इनकी सभ्यता-संस्कृति में अफ्रीकी रीति और रिवाजों की झलक देखने को मिलती है। इस समुदाय के लोग हर साल गुजरात के चुनावों में ये अपना मतदान करते आ रहे हैं। चुनाव भी इन सभी वोटरों को हर मदद संभव पहुंचाने के लिए आगे हमेशा रहता है।