Gujarat Patidar Community Chintan Shivir: समाज में बेटे-बेटियों के रिश्तों में आ रही तकलीफों के चलते बढ़ रहे तलाक, आर्थिक तौर पर समृद्ध होने बावजूद बढ़ रहे सुसाइड के किस्सों जैसी समस्याओं के समाधान के लिए राजकोट में पाटीदार समाज ने एक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। आपको बता दें कि समाज द्वारा समाज की समस्याओं के समाधान के लिए देश में चिंतन शिविर का यह पहला प्रयोग है।
विवादों को रोकने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग
वैवाहिक विवादों को सुलझाने के लिए शिविर में 10 समाजशास्त्रियों की टीम बनाई गई है। इस टीम के सदस्य शादी के विवादों को सुलझाने के लिए नियमित रूप से साथ मिलकर काम करेंगे। घर में छोटे-बड़े झगड़ों और समस्याओं को सुलझाने के लिए टीम 8 दिनों तक परिवार वालों की काउंसलिंग करेगी। इतना ही नहीं विवादों को रोकने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
5 हजार युवकों के सामने सिर्फ 500 युवतियों का बायोडाटा
शिविर में फैसला लिया गया है कि विवाह के लिए लड़का-लड़की पसंद करने के लिए दोनों पक्षों के परिवार युवक-युवती के घर के अलावा अन्य स्थान पर एकत्रित होंगे। इस प्रकार लड़का-लड़की पसंद करने के लिए के लिए शनिवार को चयन मेला का आयोजन किया गया। हालांकि 5 हजार युवकों के सामने सिर्फ 500 युवतियों का बायोडाटा आया। विवाह के लिए कुण्डली प्राप्त करने की परंपरा को बंद कर शिक्षा और नशामुक्ति जैसे गुणों के आधार पर चयन करने का आह्वान किया गया।
शनिवार को शिविर में बेटे-बेटियों, माता-पिता और बुजुर्गों ने हिस्सा लिया और संबंध क्यों नहीं हो रहे इसको लेकर सर्वे किया गया जिसमें कई सारे सवाल पूछे गए। यहां हर कोई खुलकर बोल सके इसके लिए सबकी पहचान गुप्त रखी गई जिसके बाद अब सामाजिक वैज्ञानिकों की एक टीम इस समस्या का समाधान करेगी। इसका उद्देश्य पुराने रीति-रिवाजों को हटाना और आधुनिक सोच को लागू करना है।
रिश्तेदारी से संबंधित किस प्रकार की समस्याएं हैं? ध्यान शिविर में उपस्थित लोगों ने प्रस्तुत किए ये निष्कर्ष-
- रिश्तेदारी के लिए बिचौलियों की संख्या अब कम हो गई है।
- बेटे-बेटी की पसंद पहले से कहीं ज्यादा बदल गई है।
- रिश्तेदारों से अच्छा फीडबैक नहीं मिल रहा।
- शिक्षा, रूप-रंग, कद-काठी से समझौता करने को तैयार नहीं।
- बायोडाटा में पारिवारिक-व्यक्तिगत जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
- युवक और युवतियां अपनी पसंद का प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन परिवार के पास अपना पक्ष रखने की जगह नहीं है।
- परिवार की सद्भावना से अधिक महत्वपूर्ण उसकी आर्थिक खुशहाली और विलासितापूर्ण जीवन शैली है।