गुजरात में साल 2024-25 सेशन के दौरान करीबन 2 लाख से अधिक स्कूली छात्रों ने बालवाटिका (प्री-प्राइमरी) से लेकर कक्षा 12 तक में एडमिशन लिया है। अच्छी बात तो यह है कि ये सारे बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में आए हैं। इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है साथ ही लोगों को अब सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास बढ़ा है। ये आकंड़े खुद गुजरात सरकार ने जारी किए हैं।
सरकार ने बताए आकंड़े
बीते दिन सोमवार को राज्य सरकार ने एक ऑफिशियल रिलीज जारी किया। इसके मुताबिक, अहमदाबाद के म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के स्कूलों में इस साल प्राइवेट स्कूल छोड़कर सबसे ज्यादा 37,786 बच्चों में एडमिशन लिया, इसके बाद सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के स्कूलों में भी 22,892 स्कूली बच्चों ने एडमिशन लिया। ऐसे ही वड़ोदरा सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के अधीन स्कूलों में 10,602 और राजकोट म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के अधीन स्कूलों में 6,204 बच्चों में प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर एडमिशन लिया है।
बनासकांठा जिले में भी सबसे अधिक
इसके अलावा, राज्य के अन्य जिलों में, बनासकांठा जिले में सबसे अधिक 10,228 छात्र उपस्थित हुए, फिर मेहसाणा में 8,267 छात्र, भावनगर में 8,242 छात्र, जूनागढ़ में 7,892 छात्र, आनंद में 7,269 छात्र, अहमदाबाद ग्रामीण में 6,910 छात्र, राजकोट में 6,881 छात्र, गांधीनगर में 6,881 छात्र, कच्छ में 5,952 छात्र, खेड़ा में 5,910 छात्र और सूरत में 5,777 छात्रों ने एडमिशन लिया।
आगे बयान में कहा गया, "राज्य सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में छात्रों के हित को देखते हुए हर साल एजुकेशन बजट में बढ़ोतरी की है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के लिए पिछले वर्ष 2023-24 के बजट प्रावधान की तुलना में 11,463 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ कुल 55,114 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।"
एक लाख से अधिक स्मार्ट क्लासेस
साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य में एक लाख से अधिक स्मार्ट क्लासेस पर काम चल रहा है और छात्रों को टेक्निकल एजुकेशन हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए 5,000 से अधिक स्मार्ट क्लासेस का काम चल रहा है। वहीं, 16,000 स्कूलों में लगभग 240,000 कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि 4,000 से अधिक स्कूलों में 70,000 कंप्यूटर उपलब्ध कराने का काम चल रहा है।
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