सोमनाथ मंदिर: गजनवी की तारीफ वाला वीडियो वायरल होने के बाद मौलाना ने मांगी माफी
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सोमनाथ मंदिर की तरफ इशारा करते हुए एक मौलाना ने मुस्लिम आक्रांता महमूद गजनवी की शान में कसीदे पढ़े थे।
अहमदाबाद: सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सोमनाथ मंदिर की तरफ इशारा करते हुए एक मौलाना ने मुस्लिम आक्रांता महमूद गजनवी की शान में कसीदे पढ़े थे। सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की फरियाद के बाद पुलिस जैसे ही मामले की जांच में जुटी, उसी मौलाना ने एक और वीडियो जारी कर माफी मांगी है। मौलाना ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि किसी की भावना को ठेस पहुंचाना उसका मकसद नहीं था। हालांकि वायरल हुए वीडियो में मौलाना ने उस महमूद गजनवी की शान में जमकर कसीदे पढ़े थे जिसने सोमनाथ मंदिर में जबर्दस्त लूटपाट की थी और कई हिंदुओं का कत्लेआम किया था।
‘मैं सोमनाथ घूमने-फिरने गया था’
गजनवी की तारीफ वाला वीडियो वायरल होने और शिकायत दर्ज होने के बाद एक अन्य वीडियो में मौलाना ने माफी मांगते हुए कहा, ‘4 मई 2019 में गुजरात के सोमनाथ घूमने-फिरने के लिए गया था। वहां जाकर हमने दरिया के किनारे एक छोटा-सा वीडियो शूट किया था और उसमें सिर्फ सोमनाथ की तारीफ बताने का इरादा था। कुछ स्थानीय चैनलों और साथियों ने उस वीडियो में दिए मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश की है। यदि फिर भी उस बयान या वीडियो से किसी भी साथी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो इसके लिए मैं तमाम भारतवासियों और अपने गुजराती भाइयों से हृदय की गहराइयों से क्षमा चाहता हूं।’
‘मंदिर की तौहीन मेरा मकसद नहीं था’
अपने वीडियो संदेश में उसने आगे कहा, ‘वीडियो में मेरे बयान का मकसद किसी को भड़काना या मंदिर की तौहीन करना नहीं था। मंदिर, मस्चिद, गुरुद्वारा और चर्च, ये सभी इबादतघर हैं और इन सभी में अपने तौर-तरीकों से पूजा और इबादत की जाती है। मेरे बयान से यह मतलब न निकाला जाए कि मैंने मंदिर की मुखालफत में कुछ कहा है। सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी भाइयों से मैं दिल की गहराइयों से क्षमा चाहता हूं।’ वहीं, पुराने वीडियो में मौलाना ने सोमानाथ मंदिर की तरफ इशारा करते हुए तमाम ऐसी बातें कही थीं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर अच्छी-खासी हलचल मचा दी थी।
‘बड़े नुमाया कारनामे अंजाम दिए थे’
अपने पुराने वीडियो में मौलाना ने कहा था, ‘ये सोमनाथ मंदिर है, जिसे महमूद गजनवी की तारीख जो आप पढ़ते हैं हजरात और पढ़नी चाहिए हमें, मोहम्मद इबने-कासिम, अल्लाह का शुक्र है कि मुसलमानों की जो तारीख है, वो रोशन तारीख है, हमें किसी भी अतीबार से न दबने की, न झुकने की किसी भी अतीबार से नहीं है। अल्हम्दुलिल्लाह, हमारे असलाफ ने बड़े नुमाया कारनामे अंजाम दिए थे। हमें चाहिए कि हम उन कारनामों को खुद भी पढ़ें और दूसरों को भी उसको पढ़ाएं और दिखाएं कि हमारे कारनामे, अल्हम्दुलिल्लाह रोशन बाब के अंदर लिखे हुए हैं।’
‘महमूद गजनवी ने बड़ा काम किया है’
मौलाना ने पुराने वीडियो में कहा, ‘वो इतने पर ही नहीं रुकता, आगे कहता है कि अब जरूरत है कि जो नसल इस वक्त में जो नसल-ए-नौह चल रही है ये भी अपने असलाफ की, अपने आबो अवदाद की, वो तारीखी कारनामे, जिस तरीके से मोहम्मद इबने-कासिम ने दरिया को पार किया और पूरे हिंदुस्तान को फतह किया और इसी तरह महमूद गजनवी ने बड़ा काम किया है। तो अल्लाह के अहसान है कि तमाम के तमाम अल्लाह के वली थे इसमें कोई शक नहीं है। आज की तारीख उन्हें भले ही चोर और डाकू कहे या इसी तरीके से जो भी कुछ कहती रहे लेकिन हमेशा तारीख ने उन्हीं को मुंसिफ और इसी तरीके से इंसाफ पसंद और दीन की इशाद करने वाला, इस्लाम की इशाद करने वाला पाया है।’
‘ये आप सोमनाथ का मंदिर देख रहे हैं’
मौलाना ने आगे कहा, ‘ये सामने आप सोमनाथ का मंदिर देख रहे हैं। यहां से तकरीबन आधा किलोमीटर दूर है। अभी हम वहां भी गए थे। अलहमदुल्लिहा हमारे असलाफ की, हमारे आवोहवदाद की रोशन तारीख है। आप हजरात उस तारीख को देखिए पढ़िए और वो मिसरा यादि किजिए कि "जो कौम अपनी तारीख को मिटा देती है, तारीख भी उस कौम को सोफा-ए-हस्ती से मिटा देती है"। तो जरूरत है कि नौजवान तबका खुसूसन अपनी तारीख को पढ़े, अपनी तारीख को देखे, अपने आबाओ-हजदाद के वो अजीम कारनामे, जो वो इस सरजमीन ए हिंदुस्तान के ऊपर कर के गए हैं दिखा के गए हैं और आने वाली कौम के लिए मसाल-ए-राह हैं तो हमें चाहिए कि हम जरूर उन चीजों को पढ़ें, उन चीजों को देखें।’