'AAP को मिल रहे जनसमर्थन को देख गुजरात के स्कूल का किया दौरा', सिसोदिया का शाह पर कटाक्ष
Manish Sisodia Gujarat Visit: मनीष सिसोदिया ने कहा कि अमित शाह ने हमेशा केजरीवाल का यह कह कर मजाक बनाया है कि वह 'मुफ्त रेवड़ी' बांट रहे हैं।
Manish Sisodia Gujarat Visit: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार गुजरात के एक सरकारी स्कूल का दौरा इसलिए किया, क्योंकि लोगों ने प्रदेश के दौरे के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन करना शुरू किया। प्रदेश के साबरकांठा जिले के तलोद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब केजरीवाल ने गुजरात का दौरा करना शुरू किया, तो लोगों ने ध्यान देना शुरू किया कि अगर दिल्ली और पंजाब में अच्छे स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक और मुफ्त बिजली हो सकती है, तो गुजरात में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है, जहां बीजेपी 27 साल से सत्ता में है।
'यह कहने के लिए सरकारी स्कूल में गए कि उन्होंने भी स्कूल बनवाया'
सिसोदिया ने कहा, "अपने जीवकाल में पहली बार अमित शाहजी सरकारी स्कूल में गए हैं। 27 साल की राजनीति के दौरान आपने कभी अमित शाहजी की सरकारी स्कूल के दौरे की तस्वीर देखी है। जब यहां के लोगों ने दिल्ली की तरह यहां भी स्कूल की मांग करनी शुरू कर दी और कहा कि वे केजरीवाल का समर्थन करेंगे, अमित शाह तस्वीर के लिए और यह कहने के लिए सरकारी स्कूल में गए कि उन्होंने भी स्कूल बनवाया है।"
'हमेशा केजरीवाल का यह कहकर मजाक बनाया कि वह मुफ्त रेवड़ी बांट रहे'
सिसोदिया ने कहा कि शाह ने हमेशा केजरीवाल का यह कहकर मजाक बनाया है कि वह 'मुफ्त रेवड़ी' बांट रहे हैं। अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने हाल ही में चार स्मार्ट स्कूलों की स्थापना की थी, जिसका उद्घाटन करने के लिए अमित शाह उन स्कूलों में गए थे। आम आदमी पार्टी नेता इसी का हवाला दे रहे थे।
केजरीवाल ने कल वडोदरा में भारतीय या स्वदेशी शिक्षा प्रणाली का आह्वान किया
गौरतलब है कि इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) गुजरात में चुनाव प्रचार में जुटी है। इसे लेकर 'आप' के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात दौरे पर जा रहे हैं। बीते दिन वो एक दिवसीय दौरे पर वडोदरा पहुंचे थे। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने देश में अंग्रेजों से विरासत में मिली शिक्षा के स्थान पर भारतीय या स्वदेशी शिक्षा प्रणाली का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया भर के छात्रों के लिए एक गंतव्य बनना चाहिए, जैसे नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन काल में था। कार्यक्रम में एक प्रतिभागी की ओर से यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की ओर से तैयार की गई पाठ्य पुस्तकों को बदल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "न केवल एनसीईआरटी की किताबें बल्कि पूरी सामग्री को बदलने की जरुरत है। अंग्रेजों की शिक्षा प्रणाली को खत्म करके देश में भारतीय शिक्षा प्रणाली शुरू करने की जरुरत है।"