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Hindi News गुजरात ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मिले जिम्बॉब्वे से लौटे बुजुर्ग, 72 साल है उम्र

ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मिले जिम्बॉब्वे से लौटे बुजुर्ग, 72 साल है उम्र

गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जयप्रकाश शिवहरे ने पुष्टि की कि संबंधित व्यक्ति कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित पाया गया है।

Jamnagar, Jamnagar Omicron, Jamnagar Omicron Variant, Omicron Variant- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL जिम्बाब्वे से लौटे गुजरात के जामनगर शहर के 72 वर्षीय एक बुजुर्ग कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित पाए गए हैं।

Highlights

  • जामनगर शहर के 72 वर्षीय एक बुजुर्ग कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित पाए गए हैं।
  • बुजुर्ग के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उसका नमूना जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था।

अहमदाबाद: जिम्बाब्वे से लौटे गुजरात के जामनगर शहर के 72 वर्षीय एक बुजुर्ग कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित पाए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को कहा कि इस बुजुर्ग के गुरुवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उसका नमूना जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीमार पाए गए शख्स के सभी 10 प्राइमरी और 102 सेकेंडरी कॉन्टैक्ट्स की ट्रेसिंग की गई है, और उनके RTPCR टेस्ट करवाए गए हैं।

कर्नाटक में भी ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज मिले थे
गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जयप्रकाश शिवहरे ने पुष्टि की कि संबंधित व्यक्ति कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित पाया गया है। इससे पहले, कर्नाटक में 2 व्यक्ति वायरस के इस स्वरूप से संक्रमित मिले थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘ओमिक्रॉन’ को ‘चिंताजनक स्वरूप’ की श्रेणी में रखा है। इस बीच सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि ओमिक्रॉन से संबंधित लक्षणों के अन्य स्वरूप से ज्यादा खतरनाक होने या मौजूदा टीके या इलाज के इस पर अप्रभावी होने के संबंध में फिलहाल कोई सबूत नहीं हैं।

केंद्र ने कहा, उम्मीद है कि ओमिक्रॉन का असर कम रहेगा
वहीं, कर्नाटक में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 2 मामलों की पुष्टि के बाद केंद्र ने कहा था कि टीकाकरण की तेज रफ्तार और डेल्टा स्वरूप के व्यापक प्रसार के कारण इस नए स्वरूप का असर कम रहने का अंदाजा है। साथ ही कहा कि विशेषज्ञों के वैज्ञानिक मार्गदर्शन के आधार पर बूस्टर खुराक दिए जाने को लेकर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बीमारी की अपेक्षित गंभीरता के वैज्ञानिक प्रमाण अभी भी सामने आ रहे हैं। मंत्रालय ने कहा था कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जो यह बताता हो कि मौजूदा टीके ओमिक्रॉन पर काम नहीं करते हैं।