गुजरात के सूरत में आदमखोर तेंदुए को मिली 'आजीवन कारावास' की सजा! बना कैदी No-1
डीसीएफ आनंद कुमार ने बताया अगर कोई घायल अवस्था में तेंदुआ मिलता है तो उनका इलाज भी इसी केंद्र में किया जाएगा। पुनर्वास केंद्र को जंगल में ही बनाया गया है, ताकि तेंदुए को प्राकृतिक वातावरण में रहकर भोजन और पानी की सुविधाएं मिल सके।
सूरत: आमतौर पर इंसानों को आजीवन कारावास के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन आज हम आपको एक चार पैर वाले जानवर के बारे में बताने जा रहे है कि जिसे आजीवन कारावास की सजा हुई है। अब वह जिंदगीभर पिजड़े से बाहर नहीं आ सकेगा। अब तेंदुए को अपना पूरा जीवन मरते दम तक पुनर्वास केंद्र में ही रहना होगा।
कैदी नंबर वन बना आदमखोर तेंदुआ
अक्सर आपने सुना होगा कि तेंदुए इंसानों पर हमलाकर उन्हें अपना शिकार बनाते है। ऐसे आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के बाद उसे आजीवन कैद में रखना पड़ता है। उनको मानव बस्ती से दूर रखना पड़ता है। तेंदुए के इंसान पर बढ़ते हमले को देखकर अब गुजरात प्रशासन भी हरकत में आया है। उसके लिए खास पुनर्वास केंद्र बनाया गया है, जिसमें घायल आदमखोर तेंदुए को रखा जाएगा। 20 दिन पहले 7 वर्षीय बच्चे पर हमला करने वाला तेंदुआ सूरत जिले के जांखवाव में बने पुनर्वास केंद्र में कैदी नंबर 1 बना है।
क्या है पूरा मामला
15 दिन पहले रात में तेंदुआ 7 साल के बच्चे को उठा ले गया और गन्ने के खेत में ले गया और उसे मार डाला। काम की तलाश में यह परिवार नंदुरबार से सूरत जिले के मांडवी तालुका के उसकर गांव में आया था। दंपती और अन्य प्रवासी मजदूरों को गांव में एक गन्ने के खेत में काम मिल गया था। दंपती ने गांव के बाहरी इलाके में डेरा डाला था। परिवार अपनी बस्ती के बाहर सो रहा था, तभी तेंदुए ने 7 वर्षीय अजय पर हमला किया और खेत में खींचकर ले गया। जैसे ही बस्ती में लोगों को पता चला तो बच्चे को खोजना शुरू किया।
बस्ती के लोगों ने घर के पास तेंदुए के पैरों के निशान देखे। लोग लड़के की तलाश में निकले तो बस्ती से 300 मीटर दूर गन्ने के खेत में बच्चे का शव मिला। वन विभाग को जानकारी मिलते ही तेंदुए को पकड़ने 10 पिंजरे लगाए गए है। कुछ घंटों बाद , तेंदुआ बचा हुआ भोजन की तलाश में आया और पिंजरे में कैद हो गया।
वन विभाग के अधिकारी ने कही ये बात
डीसीएफ आनंद कुमार ने बताया कि दक्षिण गुजरात के जंगलों में बढ़ती तेंदुओं आबादी के कारण वे मानव बस्ती की ओर आने लगे हैं। पहले वह कुत्ते और पालतू जानवरों को अपना शिकार बनाते थे, अब इंसानों पर भी हमला करने लगे हैं। पहले अगर आदमखोर तेंदुआ पकड़ा जाता था तो उन्हें वडोदरा भेजा जाता था। अब हमने मांडवी के जनख्वाव में 1.50 करोड़ की लागत से तेंदुआ पुनर्वास केंद्र तैयार किया है, जिसमें 10 तेंदुए रखने की क्षमता है। मांडवी से पकड़ा गया आदमखोर इस केंद्र का पहला कैदी बना है।
गुजरात में बढ़े तेंदुए के हमले
हाल के दिनों में दक्षिण गुजरात में तेंदुए के हमले बढ़े हैं। सितंबर में नवसारी जिले में दो लड़कियों पर हमला हुआ था। दोनों का अस्पताल में इलाज किया गया। गुजरात में 2023-24 में तेंदुए ने तीन लोगों को मार डाला। 2012 से 2020 के बीच गुजरात में तेंदुए के हमले में 109 लोग मारे गए।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण गुजरात में 2016 में सिर्फ 43 तेंदुए थे, पर 2023 आते आते उनकी संख्या बढ़कर डबल से भी ज्यादा 104 हो गई। उनका मानना है कि 2030 में यह संख्या बढ़कर तीन गुनी करीब 400 से पार होने की संभावना है। हमने उसकी तैयारी भी कर ली है। हम एक साल में एक ओर तेंदुआ पुनर्वास केंद्र शुरू करने जा रहे है।
रिपोर्ट: शैलेष चांपानेरिया, सूरत