ख्याति हॉस्पिटल स्कैम केस में बड़ा खुलासा, सीईओ और मार्केटिंग मैनेजर के खिलाफ जांच शुरू
आरोपियों में मिलिंद पटेल और चिराग राजपूत ने पहले भी एक हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर की फ्रेंचाइजी देने की लालच देकर लोगों के पास से करोड़ों रुपये ऐंठे थे। इसको लेकर शहर के अलग-अलग पुलिस स्टेशन में शिकायतें भी दर्ज हुई थी लेकिन आखिर में मामला निपट गया था।
अहमदाबादः गुजरात में हेल्थ कैंप के नाम पर दो लोगों की जान लेने और लोगों की ज़िन्दगी के साथ खिलवाड़ करने वाले ख्याति हॉस्पिटल के डॉक्टर्स और संचालकों के खिलाफ फरियाद दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा इस मामले में हॉस्पिटल के सीईओ राहुल जैन और मार्केटिंग मेनेजर मिलिंद पटेल के खिलाफ जांच शुरू की गई है।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि इन्होंने थोड़े ही दिनों में अलग-अलग 13 गांवो में कैम्प कर शिकार ढूंढे थे। फिलहाल कितने लोगों की एंजियोप्लास्टी की गई है उसकी जांच चल रही है। क्राइम ब्रांच के तीन पुलिस इंस्पेक्टर की छह टीम की तरफ से हॉस्पिटल स्टाफ और इस स्कैम के शिकार हुए लोगों का स्टेटमेंट लेने का काम चल रहा है।
चिराग राजपूत के कई स्कैम सामने आए
दूसरी तरफ पुलिस को चकमा देकर फरार हो हुए चिराग राजपूत के भी कई स्कैम जांच के दौरान सामने आये हैं। ख्याति हॉस्पिटल द्वारा सिर्फ आयुष्मान कार्ड और पीएमजेएवाय कार्ड धारकों को ही टारगेट किया जा रहा था। बोरिसना गांव के ऐसे ही 13 कार्ड धारकों को अहमदाबाद लाकर उनकी एंजियोग्राफी कर डी गई थी। सात तंदुरस्त लोगों को 80-90 प्रतिशत ब्लॉकेज होने की बात बोलकर उनकी भी एंजियोग्राफी कर डी गई थी और 75 साल के नगर सन्मा और 52 साल के महेश बरोड़ की जान गई थी।
पुलिस ने ख्याति हॉस्पिटल में जांच के दौरान सभी फाइल्स चेक की है और मरीजों की ट्रीटमेंट की ओरिजिनल फाइल्स भी ढूंढ निकाली है। क्राइम ब्रांच द्वारा छः स्थानों पर रेड कर जिस कंप्यूटर में डाटा जमा किया गया था वैसे 15 कंप्यूटर को भी जब्त किए हैं। हालाँकि उसमें अभी भी डाटा बचा है या नहीं ये तो जांच के बाद भी पता चलेगा।
जांच में सामने आई ये बातें
इस मामले में ये भी सामने आया है की ख्याति हॉस्पिटल द्वारा मरीजों का डाटा ख़रीदा गया था। इसमें मरीजों की उम्र, जेंडर और मेडिकल हिस्ट्री जैसी सभी जानकारियां शामिल थी। गैरकानूनी तरीके से प्राप्त किये डाटा की मदद से स्पेसिफिक गांवो को टारगेट किया गया था। वहां पर हेल्थ चेकअप कैम्प्स किये गए थे। फिर इन कैम्प्स में आये मरीजों से जमा किया गया हेल्थ डाटा कमर्शियल हेल्थ केयर और मेडिकल कम्पनीज को बेच दिया गया था। यानी डबल ब्रीच ऑफ़ प्राइवसी जैसी बात है...।
हॉस्पिटल के स्टाफ की पूछताछ में सामने आई ये बातें
जिन मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की गई थी। उनका डाटा भी जमा कर लेने का पुलिस ने दावा किया है। हॉस्पिटल के स्टाफ की पूछताछ में भी कई चीजें सामने आई हैं और हॉस्पिटल के सीईओ राहुल जैन की डिटेल्स मिलने पर उनके खिलाफ भी जांच शुरू की गई है। हॉस्पिटल के ब्रांडिंग के लिए और शिकार ढूढंने के लिए मार्केटिंग मेनेजर मिलिंद पटेल की पूरी टीम काम कर रही थी। इसके चलते उसके खिलाफ भी जांच शुरू की गई है।
इनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी
दूसरी तरफ पुलिस ने गिरफ्तार किये गए डॉ. वजिरानी से पूछताछ करके भी काफी इनफार्मेशन जमा की है। इसके आधार पर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया गए डॉ. कार्तिक पटेल कहीं और भाग न पाए इसके लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। साथ ही दूसरे सभी डॉक्टर्स संजय मुलजि पटोलिया, चिराग हरिसिंह राजपूत, और राजश्री प्रदीप कोठारी के खिलाफ भी लुकआउट सर्कुलर इशू किया गया है।
गौरतलब है की ख्याति हॉस्पिटल द्वारा सरकार को चुना लगाने के चक्कर में किसी को ज़रूरत हो या ना हो उनकी एंजियोप्लास्टी कर दी जाती है। इसके लिए रिमोट विलेजिस को टारगेट किया जाता था। वहां पर कैंप किये जाते थे और इस कैंप के लिए गांव के सरपंच या रसूखदार लोगों का संपर्क कर उन्हें भी 10 से 20 प्रतिशत कमीशन ऑफ़र किया जाता था। फिलहाल पुलिस द्वारा हॉस्पिटल ऑफिसियल्स के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई है।
क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आये डॉक्यमेंट्स
ख्याति हॉस्पिटल में ज्यादातर एंजियोप्लास्टी किये जाने वाले पेशेंट्स के रिकॉर्ड्स के कच्चे डॉक्युमेंट्स ही तैयार किये जाते थे ताकि उसमें हेरफेर कभी भी किया जा सके। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि उसमें कई पेशेंट्स के नाम तक फर्जी हैं। इसके अलावा कई बार पेशेंट्स को कोई परेशानी ना होने के बावजूद किसी और की रिपोर्ट को उसके नाम के साथ जोड़ कर उसका प्रोसीजर कर दिया जात था।