Hardik Patel News: गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने एक बार फिर अपनी पार्टी को झटका दिया है। दरअसल उन्होंने अपनी ट्विटर प्रोफाइल के बायो से कांग्रेस हटा दिया है। अब ट्विटर पर उनका परिचय केवल देशभक्त, सोशल एवं राजनीतिक एक्टिविस्ट लिखा हुआ है। उनके इस कदम की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि काफी समय से उनके बीजेपी के संपर्क में होने की खबरें सामने आ रही हैं।
व्हाट्सऐप पर पहले ही बदल चुके हैं डीपी और कांग्रेस नेता का परिचय
हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने इससे पहले व्हाट्सऐप पर भी डीपी बदलकर सबको हैरान किया था। इस डीपी में वह भगवा गमछा पहने नजर आए थे और बायो से कांग्रेस नेता का परिचय हटा दिया था। हार्दिक गुजरात के पाटीदार समाज से हैं और जब गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन हुआ था, तब वह खूब सुर्खियों में रहे थे।
इसके बाद हार्दिक (Hardik Patel) ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी और उन्हें गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि बीते कुछ समय से वह कांग्रेस से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। हालही में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर और कश्मीर से 370 हटाने का जिक्र किया था और बीजेपी की तारीफ की थी। इसके बाद से सोशल मीडिया पर कांग्रेस को लेकर किए जा रहे उनके बदलाव किसी नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा कर रहे हैं।
ट्विटर पर हैं हार्दिक के 18 लाख से ज्यादा फॉलोअर
हार्दिक (Hardik Patel) गुजरात में काफी पॉपुलर हैं। ट्विटर पर उनके 18 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं। वह खुद 300 लोगों को फॉलो करते हैं। ऐसे में अगर वह कांग्रेस का दामन छोड़ते हैं तो इससे कांग्रेस को गुजरात में काफी नुकसान होगा।
गौरतलब है कि गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के सुर बदलना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है। हालांकि बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर हालही में हार्दिक ने कहा था कि लोग तो बातें करेंगे। मैंने जो बाइडेन की भी तारीफ की थी, जब वह अमेरिका में चुनाव जीते थे। क्या इसका मतलब ये है कि मैं उनकी पार्टी ज्वाइन कर रहा हूं? अगर प्रतिद्वंद्वी कुछ सराहनीय करता है, तो उसे भी देखने की जरूरत है।
कांग्रेस नेताओं पर हार्दिक ने लगाए थे ये आरोप
हार्दिक ने इससे पहले कांग्रेस नेताओं पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेता चाहते हैं कि वे पार्टी में ना रहें। उन्हें गुजरात में कोई जिम्मेदारी भी नहीं दी गई। गुजरात में चुनाव करीब हैं, लेकिन कांग्रेस की कोई तैयारी नही हैं, जबकि भाजपा मजबूत स्थिति में है।