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गुजरात में कम हुआ बाढ़ का पानी, सुधर रहे हालात, कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी के बीच सीएम भूपेंद्र पटेल ने की मीटिंग

गुजरात के अधिकतर इलाकों में बाढ़ का पानी कम होने से हालात सुधर रहे हैं। हालांकि, कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। ऐसे में सीएम भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी एक्शन लेने के निर्देश दिए।

Gujarat Floods- India TV Hindi Image Source : PTI,X/INDIANARMY अधिकारियों से बात करते भूपेंद्र पटेल (बाएं), रेस्क्यू में लगे जवान (दाएं)

गुजरात में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है और हालात सुधर रहे हैं। हालांकि, शुक्रवार (30 अगस्त) को कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। ऐसे में गुजरात के लोगों और प्रशासन के सामने चुनौतियां कम नहीं हुई हैं। बाढ़ का पानी उतरने के बाद बीमारियां जमकर फैलती हैं। उन्हें रोकने के लिए प्रशासन को लगातार काम करना होगा। लोगों को भी सतर्क रहना होगा। इसके अलावा जिन लोगों के घर बाढ़ में डूब गए थे। उन्हें मुआवजा और राशन उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती होगी। सरकार की तरफ से बीमारियां रोकने के लिए कदम उठाने और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

सीएम भूपेंद्र पटेल कच्छ जिले में भारी बारिश और संभावित तूफान के पूर्वानुमान के बाद वडोदरा से गांधीनगर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचे। उन्होंने जिला कलेक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस प्राकृतिक आपदा के खिलाफ व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस आपदा से लोगों को बचाने के लिए जहां भी जरूरी हो, वहां से लोगों को तत्काल प्रभाव से निकालने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक में मुख्य सचिव राजकुमार और वरिष्ठ सचिव भी शामिल हुए।

देवदूत बने सैनिक

गुजरात में बाढ़ के बीच सेना के जवान पानी में फंसे लोगों की जान बचा रहे हैं। वायुसेना भी इस काम में लगी हुई है। गोल्डन कटर डिवीजन की बाढ़ राहत टुकड़ी ने द्वारका के खंभालिया मेंफंसे हुए 150 लोगों को निकाला। सीएम भूपेंद्र पटेल ने भारतीय सेना की टीम से बातचीत की और भारी बारिश के बावजूद उनकी त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की।

वडोदरा में सामान्य हो रही है स्थिति

गुजरात के वडोदरा में भारी बारिश के कारण विश्वामित्री नदी के उफान पर होने से कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी, लेकिन अब शहर के अधिकांश हिस्सों से पानी कम हो रहा है और लोग आसानी से आवागमन कर सकते हैं। वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी अपने उच्चतम स्तर 37 फुट (जो कि खतरे के निशान से 12 फुट ऊपर है) पर बह रही थी, लेकिन अब यह 31 फुट पर बह रही है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने वर्तमान स्थिति और जारी राहत कार्यों की समीक्षा के लिए शहर का दौरा किया, क्योंकि कुछ इलाकों में अभी भी जलभराव है और बिजली आपूर्ति बाधित है। 

गुजरात में बाढ़ से 26 मौतें

अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिनों में गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो गई जबकि राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के बीच बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 17,800 लोगों को निकाला गया। भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण मंगलवार सुबह विश्वामित्री नदी खतरे के निशान (25 फुट) को पार कर गई। बुधवार को इस नदी का जलस्तर 37 फुट के निशान को छू गया और नदी के किनारे टूटने से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। पत्रकारों से बात करते हुए सांघवी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल स्थिति का जायजा लेने के लिए शाम को शहर का दौरा करेंगे। 

बिजली चालू करने के लिए 50 टीमें तैनात

संघवी ने कहा, "बाढ़ का पानी कम होने के बाद हमने लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए पंपिंग स्टेशन शुरू कर दिए हैं और बिजली फीडर और ट्रांसफॉर्मर चालू कर दिए हैं, जिन्हें एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया था। हमने शहर में बिजली बहाल करने के लिए 50 टीम तैनात की हैं।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को हुए नुकसान के बारे में सर्वेक्षण कराएगी और मुआवजे के बारे में उचित निर्णय लेगी। इस बीच शहर विधायक मनीषा वकील और बालकृष्ण शुक्ला जब पानी कम होने के बाद आवासीय सोसाइटी का दौरा करने पहुंचे तो उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। (इनपुट- पीटीआई भाषा)

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