Gujarat News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गुजरात दौरे पर रविवार को भुज पहुंचे और अलग-अलग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस लोकार्पण और शिलान्यास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भुज पर नर्मदा ब्रांच कैनाल का भी उद्घाटन किया। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को आरोप लगाया कि “शहरी नक्सलियों” ने कच्छ क्षेत्र को पानी और विकास से दूर रखने के लिए नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के निर्माण का विरोध किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में भुज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पटेल ने यह आरोप भी लगाया कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और कार्यकर्ता मेधा पाटकर एक “शहरी नक्सली” (अर्बन नक्सल) हैं जिन्हें राजनीतिक समर्थन भी मिला।
"वह कौन थे जिन्होंने 50 सालों तक कच्छ को प्यासा रखा"
बता दें कि कुछ राजनीतिक हलकों में “अर्बन नक्सली” उन्हें कहा जाता है जो नक्सलवाद के प्रति सहानुभूति रखते हैं और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए भी यह शब्द इस्तेमाल किया जाता है। पटेल ने कहा, “इस अवसर पर जब नर्मदा का पानी कच्छ पहुंच चुका है, ऐसे में यह भी याद रखना होगा कि वह कौन लोग थे जिन्होंने पांच पांच दशक तक कच्छ के लोगों को नर्मदा के पानी से वंचित रखा, प्यासा रखा, सूखा रखा। हम सब यह अच्छी तरह जानते हैं कि यह विरोध करने वाले, यह अर्बन नक्सलवादी कौन थे। यह वही अर्बन नक्सलवादी हैं, जिन्होंने नर्मदा योजना का विरोध किया था, गुजरात का विरोध किया था, कच्छ का विरोध किया था।"
मेघा पाटकर को बताया अर्बन नक्सलवादी
गुजरात सीएम मे कहा कि आज यह वही अर्बन नक्सलवादी हैं जिन्होंने गुजरात को, कच्छ को विकास से वंचित रखने के लिए सभी प्रकार का विरोध किया। इन्हीं में से एक नाम है मेघा पाटकर का और हम सब जानते हैं कि यह कौन सी पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं, किसने उन्हें सांसद का चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात के लोगों को भ्रमित कर नक्सलवाद लाने की इनकी पैरवी थी, लेकिन गुजरात की समझदार जनता ने, कच्छ की हिम्मतवार जनता ने उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया और ना होने देंगे।
AAP के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं पाटकर
मुख्यमंत्री ने नाम लिए बिना कहा कि एक पार्टी ने पाटकर को संसदीय चुनाव लड़ने का टिकट दिया था। पाटकर ने आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर मुंबई उत्तर पूर्व से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। पटेल ने कहा, “इन लोगों ने राज्य के लोगों को बरगलाने के लिए गुजरात में नक्सली विचारधारा को लाने का प्रयास किया था। लेकिन गुजरात के बुद्धिमान लोगों ने उन्हें सफल होने का मौका नहीं दिया।” उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कच्छ के सूखे क्षेत्र में पानी लाने के लिए नर्मदा विरोधी और गुजरात विरोधी तत्वों से लड़ाई लड़ी थी।