Gujarat News: देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहा है। इस बार देश में हर घर में तिरंगा फहराने का तैयारी की जा रही है। इसके तहत गुजरात के तापी जिले के कुछ आदिवासी गांवों से महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के सदस्यों को 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत कुल साढ़े पांच लाख बांस की छड़ी तैयार करने के काम में शामिल किया गया है। तापी जिला विकास अधिकारी (DDO) दिनेश कपाड़िया ने बताया कि इन एसएचजी(SHG) को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत यह कार्य दिया गया है और बांस की छड़ी की आपूर्ति लगभग नौ जिलों को की जाएगी, जिन्होंने इसकी मांग की है।
छड़ी बनाने का काम बड़े गर्व और उत्साह के साथ स्वीकार किया
उन्होंने बताया, ''तापी के व्यारा तालुका के लगभग आठ जनजातीय गांवों की महिला एसएचजीएस(SHGS) को अभियान में योगदान देने का यह अवसर दिया गया है।'' कपाड़िया ने कहा, ''सखी मंडली (SHG) की महिला सदस्यों द्वारा तिरंगे के लिए बड़ी संख्या में छड़ी बनाई जा रही है। जब मैं पहली बार इन महिलाओं से मिला और अपना विचार शेयर किया, तो उन्होंने लगभग साढ़े पांच लाख बांस की छड़ी बनाने का काम बड़े गर्व और उत्साह के साथ स्वीकार किया।'' उन्होंने बताया कि राज्य के आठ से नौ जिलों से 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए छड़ी की मांग की गई है।
महिलाओं को आजीविका कमाने में मिलेगी मदद
कपाड़िया ने बताया, ''अगले दो दिनों के भीतर इन छड़ी की आपूर्ति उन जिलों में की जाएगी जहां से यह मांग आई है। प्रत्येक छड़ी की कीमत चार से पांच रुपये तय की गई है, इससे महिलाओं को आजीविका कमाने में मदद मिलेगी। इससे भी अधिक, यह एक ऐसा काम है जिसे सदस्यों ने बड़े गर्व के साथ किया है।'' उन्होंने कहा कि NRLM के लिए राज्य सरकार की कार्यान्वयन एजेंसी, गुजरात 'लाइवलीहुड प्रमोशन' कंपनी (मिशन मंगलम) के माध्यम से कच्चे माल के लिए आठ लाख रुपये का फंड स्वीकृत किया गया था। DDO ने बताया कि जिला प्राधिकरण ने अभियान के लिए तालुका के गांवों में तिरंगों को बांटने के लिए दस अलग-अलग SHG के सदस्यों को शामिल किया है।