Gujarat News: त्योहारी सीजन के दौरान गुजरात में मिलावटखोर पूरी तरह सक्रिय हैं। व्रत में उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री की भारी खपत का फायदा उठाकार धंधे को अंजाम दे रहे हैं। मिलावटी खाद्य पदार्थों से लोगों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दें कि अवैध शराब निर्माण में औद्योगिक अल्कोहल के इस्तेमाल का खुलासा होने के बाद राजकोट नगर निगम (RMC) के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक और घोटाले का पता लगाया है। श्रावण मास में व्रत रखने वाले भक्तों के लिए अल्पाहार बनाने में औद्योगिक ग्रेड मक्का स्टार्च और रासायनिक ग्रेड साइट्रिक एसिड का उपयोग किया जा रहा है।
कचौरी बनाने में मक्का स्टार्च का उपयोग
आरएमसी के वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित पांचाल और उनकी टीम ने समर्पण चैरिटेबल ट्रस्ट की एक प्रोडक्शन यूनिट में खाद्य निरीक्षण किया। उन्हें एक मक्का स्टार्च बैग मिला, जिस पर स्पष्ट सूचना 'केवल औद्योगिक उपयोग के लिए' लिखा था, लेकिन इसका उपयोग कचौरी बनाने में किया गया था, जिसे सोमवार और गोकुल अष्टमी को उपवास करने वाले भक्त खाते हैं।
जले हुए तेल में तला गया स्नैक्स
इसके अलावा रासायनिक ग्रेड वाले साइट्रिक एसिड के पैकेट भी पाए गए, जिनका इस्तेमाल फास्टिंग स्नैक्स बनाने के लिए किया गया था और उन्हें टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। स्नैक्स को जले हुए तेल में तला गया था, जिसका TPC मूल्य 25 से ज्यागा था। इसे ह्यूमन कंसम्पशन के लिए असुरक्षित माना जाता है।
स्टार्च से होती है कई बीमारियां
निगम ट्रस्टियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करेगा। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयेश वकानी ने कहा कि औद्योगिक स्टार्च कब्ज से शुरू होने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, क्योंकि औद्योगिक स्टार्च पच नहीं सकता और आंत में फंस जाता है। लंबे समय में यह और जटिलताओं को जन्म दे सकता है।