Gujarat News: राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की भारी जीत हुई। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया और देश की 15 वीं राष्ट्रपति चुनी गईं। चुनाव के दौरान उन्हें NDA दलों के सांसद और विधायकों के अलावा विपक्ष के सदस्यों के भी वोट मिले, जिससे उनका रास्ता और भी आसन हो गया था।
खबर है कि चुनाव में गुजरात के सात कांग्रेस विधायकों ने पार्टी लाइन से अलग जाते हुए द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। वहीं पार्टी यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही थी। आपको बता दें कि कुछ समय बाद ही गुजरात में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं और उससे पहले पार्टी के विधायकों का इस तरह से क्रियाकलाप नेतृत्व की चिंता बढ़ा रहा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की पहचान के लिए आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
केवल 57 विधायकों ने ही दिया था सिन्हा को वोट
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के 63 विधायक हैं और उन्हें एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन प्राप्त है। जब राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित किए गए, तो पता चला कि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को केवल 57 विधायकों ने वोट दिया था। यानी केवल सात विधायकों ने पार्टी लाइन से इतर वोट किया। इसके विपरीत, एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को 121 वोट मिले। जबकि गुजरात विधानसभा में भाजपा के केवल 111 विधायक हैं।
मामले की जांच के बाद होगी कार्रवाई - प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अध्यक्ष जगदीश ठाकोर
द्रौपदी मुर्मू को वोट देने वाले कांग्रेस के सात विधायकों के अलावा, दो बीटीपी विधायकों और एक एनसीपी विधायक ने भी उन्हें वोट दिया, जिससे 10 गैर-भाजपा विधायकों के उन्हें वोट मिले। जीपीसीसी अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा कि पार्टी के सात विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग काफी 'चौंकाने वाला' है। ठाकोर ने कहा, 'मैं अपने ही विधायकों द्वारा विश्वास भंग करने से हैरान हूं। बीजेपी हमारे विधायकों से जीतने के लिए अनुचित तरीके से काम कर रही है, लेकिन यह चौंकाने वाला है। हम निश्चित रूप से मामले की जांच कर उनकी पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्हें पार्टी से हटाया जाएगा।'
गौरतलब है कि 21 जुलाई को घोषित हुए चुनाव परिणाम में NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को विजेता घोषित किया गया। द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को देश की 15 वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। वे मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की जगह लेंगी।