Gujarat News: कंक्रीट जंगल के इस युग में जहां हर तरफ ऊंची ऊंची इमारतों के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है वहीं, अब गुजरात में एक नया अधिगम अपनाते हुए जिलों को हरा भरा बनाने की एक नई मुहिम की शुरुआत की जा रही है। इस मुहिम के तहत लाखों सीड बॉल का छिड़काव कर जिले को हरा भरा बनाने का एक प्रयास किया जाएगा। यह अभियान बनास डेयरी के साथ वन विभाग का संयुक्त उपक्रम होगा। लाखों की तादाद में सीडबॉल का छिड़काव होने से न सिर्फ जिला हरा भरा होगा बल्कि पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता भी बढ़ जाएगी।
गुजरात में जिलों को हरा-भरा बनाने की नई मुहिम
गौरतलब है कि बनासकांठा में बनास डेयरी और किसानों के संयुक्त प्रयासों से 100 से ज्यादा झीलें शुरू की गईं ताकि इलाके में जल स्तर को ऊपर लाया जा सके और जमीन को उपजाऊ बनाया जा सके। पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार की अपनी योजनाएं तो काम कर ही रही है लेकिन साथ-साथ प्रधानमंत्री के आवाहन के बाद किसान भी पर्यावरण की रक्षा और जिले को हरा-भरा करने की इस मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। खासकर बनासकांठा की बात करें तो बनास डेयरी और वन विभाग द्वारा ये एक नया अभियान शुरू किया गया है जिसमें बनास डेयरी जिले के चरवाहों ने लाखों सीड बॉल्स तैयार किए हैं।
25 लाख सीड बॉल का होगा छिड़काव
25 लाख सीड बॉल के छिड़काव के लिए बनास डेयरी और वन विभाग की ओर से अलग-अलग 8 टीमें बनाई गई हैं। शंकरभाई चौधरी ने कहा कि सालों पहले बनासकांठा में अरावली की पहाड़ियां हरी-भरी थीं लेकिन वक्त के साथ-साथ का पेड़ पौधों की संख्या काफी कम हो गई हैं। भारत के प्रधानमंत्री के वृक्षारोपण अभियान में बनास डेयरी द्वारा 25 लाख सीड बॉल्स बनाकर पहाड़ी क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं जिसकी शुरुआत शक्ति पीठ अंबाजी की पहाड़ियों से की जा रही है। मॉनसून आने से पहले इन सीड बॉल के छिड़काव से आने वाले दिनों में काफी बड़ी तादाद में पेड़ पौधों के रुकने की संभावना है जो भविष्य के लिए काफी लाभदायक हो सकते हैं।
सीड बॉल्स के छिड़काव में ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल
बनासकांठा वन विभाग की टीमें जिन्हें पहाड़ी क्षेत्र का पूरा ज्ञान है। बनास डेयरी द्वारा बनाए गए इस सीड बॉल छिड़काव के अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्षेत्र के चरवाहे यह सीड बॉल गाय के गोबर की मदद से तैयार करते हैं जिसमें गाय के गोबर का गोला बनाकर उसके अंदर बीज रोपित कर दिए जाते हैं। बाद में मॉनसून में उस गोले का अलग-अलग जगह पर छिड़काव कर दिया जाता है जहां बारिश के आते ही पेड़ पौधे की उगने की संभावना बहुत ज्यादा प्रबल हो जाती है। बनासकांठा में पशुपालकों की मदद से तैयार किए गए 25 लाख सीड बॉल्स के ऊंचे पहाड़ों पर छिड़काव के लिए ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।