Gujarat News: पाकिस्तान में बार-बार हिंदुओं पर होते अत्याचार के किस्से न्यूज और अखबारों की सुर्खियों में नजर आते है, जिसके चलते कई बार पाकिस्तानी हिन्दू भारत चले आते हैं जिसके बाद भारत की नागरिकता पाने के लिए उनका संघर्ष शुरू होता हैं। गुजरात सरकार द्वारा लिए गए कुछ कदमों के कारण ऐसे ही हिंदू निर्वासितों को भारत की नागरिकता सरल तरीके से मिल रही हैं जिसका उदहारण है- अहमदाबाद जिला कलेक्टर द्वारा 2017 से अब तक 1032 हिन्दू निर्वासितों को दी गई भारतीय नागरिकता।
गुजरात सरकार के इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने पाकिस्तान के 40 और हिंदू निर्वासितों को भारतीय नागरिकता के पत्र दिए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लघुमति हिन्दू निर्वासितों को भारत की नागरिकता आसानी से और जल्द मिले इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
गुजरात के गृह मंत्री ने दी बधाई
नागरिकों को लख लख बधाइयां के संबोधन के साथ गुजरात के गृह मंत्री ने भारतीय नागरिक बने पाकिस्तानी हिन्दुओं का स्वागत कर उन्हें नए भारत के सपने को साकार करने साथ मिलकर काम करने और देश की विकास यात्रा में सहकार देने के लिए आह्वान किया। पाकिस्तान से आए इन निर्वासित हिंदुओं के लिए ये मौका कुछ खास और महत्वपूर्ण रहा क्योंकि नागरिकता मिलने के बाद अब उन्हें भारत के नागरिक के तौर पर सभी अधिकार मिलेंगे और सरकार की सभी योजनाओं का भी वे लाभ उठा पाएंगे।
NGOs कर रहे भारत सरकार का सहयोग
इस मुहीम में NGOs द्वारा भी सरकार को काफी सहयोग मिल रहा है। रूही नारिंद्र कुमार नाम की एक लड़की इस मौके पर भावनाओं को रोक नहीं पाई और गृहमंत्री हर्ष संघवी को ऐसे लिपट कर रोने लगी जैसे सालों बाद कोई बेटी अपने घर आकर अपने मायके वालों से लिपटकर रोती हैं। 2016 और 2018 के गैजेट से गुजरात में अहमदाबाद, गांधीनगर और कच्छ जिले के कलेक्टर्स को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के लघुमति कौम के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ख्रिस्ती लोगों को नागरिकता अधिनियम के अंतर्गत प्रोसेस को फॉलो कर भारतीय नागरिकता देने की जिम्मेदारी मिली हैं।
राज्य और केंद्र सरकार की इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम द्वारा पर्याप्त चेकिंग के बाद जरूरी सबूत देने होते हैं। जिसके बाद जिला कलेक्टर ऑफिस द्वारा आखरी नागरिकता प्रमाणपत्र दिया जाता हैं। पिछले 7 सालों से कोई भी एक स्थान पर रहने वाले विदेशी नागरिकों और लघुमतियों को संवैधानिक प्रक्रिया को फॉलो करते हुए नागरिकता पत्र दिया जाता हैं जिसके चलते 2017 में 187, 2018 में 256, 2019 में 205, 2020 में 65, 2021 में 212 और 2022 में अबतक 107 मिलकर कुल 1032 हिंदुओं को भारत की नागरिकता दी गई है।