भारत में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट के साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रचने के मामेल में गुजरात के एक व्यक्ति को दोषी करार दिया गया है। बता दें कि लखनऊ की एक विशेष अदालत ने इस मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार दिया है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने यह जानकारी देते हुए बुधवार को बताया कि यह मामला साल 2020 का है। साल 2020 में लखनऊ में यह मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में दूसरे आरोपी रजकभाई कुंभार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसे लेकर कहा कि विशेष अदालत ने कुंभार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के अलग-अलग मामलों के तहत दोषी ठहराते हुए मंगलवार को अलग-अलग सजा सुनाई है।
आईएसआई एजेंट के साथ था संपर्क
बता दें कि इस मामले में अधिकतम 6 साल के कठोर कारावास की सजा शामिल हैं। उसने कहा कि कुंभार की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इससे पहले चंदौली जिले के मोहम्मद राशिद को एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में दोषी करार दिया था। एटीएस ने राशिद पर पाकिस्तान की खुफिया एंजेसी आईएसआई के एजेंट के संपर्क में होने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था। इस दौरान लखनऊ के गोमती नगर थाने में यह मामला दर्ज किया गया था। एटीएस ने राशिद पर आरोप लगाया था कि राशिद ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ संवेदनशील और रणनीतिक रूप से अहम प्रतिष्ठानों की तस्वीरों व भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराई थी।
भारत में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की रची थी साजिश
एनआईए ने इसे लेकर कहा कि ये तस्वीरें खुद राशिद को मोबाइल फोन से खींची गई थीं। अप्रैल 2020 में एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। उसने जुलाई 2020 में राशिद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। फरवरी 2021 में एनआईए ने कुंभार के खिलाफ एक पूरक पत्र दायर किया था। एनआईए ने बताया कि उसकी जांच में सामने आया कि कुंभार ने राशिद और पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंट के साथ मिलकर भारत में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रची थी।
(इनपुट-भाषा)