निर्दलीय विधायक धर्मेंद्र सिंह वाघेला ने गुजरात विधानसभा की सदस्यता से आज इस्तीफा दे दिया है। वाघेला ने कहा कि वह अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वापस लौटेंगे। धर्मेंद्र सिंह वाघेला वडोदरा जिले की वाघोडिया सीट से विधायक थे। वाघेला ने दावा किया कि उनके इस्तीफे का मकसद देश में 'राम राज्य' स्थापित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों को मजबूत करना है। बता दें कि वाघेला 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में से एक हैं।
क्या लोकसभा चुनाव पर है निशाना?
गौरतलब है कि धर्मेंद्र सिंह वाघेला विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्होंने बगावत कर दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। चुनाव में उन्होंने भाजपा के अश्विन पटेल को 14 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। एक अधिकारी ने बताया कि वाघेला ने गुरुवार सुबह गांधीनगर में विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया और इसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने यह कदम लोकसभा चुनाव से पहले उठाया है जो अप्रैल में हो सकते हैं। इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में धर्मेंद्र सिंह वाघेला ने कहा कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे और सत्तारूढ़ पार्टी ने उनसे कोई पद या फिर से टिकट देने का वादा नहीं किया है। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देकर वापस भाजपा में जाने का मकसद साफ समझ आ रहा है।
राम राज्य स्थापित करने का प्रयास करेंगे मजबूत
धर्मेंद्र सिंह वाघेला ने दावा किया, “मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से परामर्श करने के बाद यह निर्णय लिया है। मैंने इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मैं देश में राम राज्य स्थापित करने के प्रयास में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के हाथों को मजबूत करना चाहता हूं।” वाघेला दो महीने में राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीसरे विधायक हैं। इससे पहले दिसंबर में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक भूपेंद्र भयानी ने और हाल में कांग्रेस विधायक सीजे चावडा ने विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था।
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