गुजरात हाई कोर्ट ने बुधवार को मोरबी नगर पालिका को पुल हादसे के संबंध में दायर जनहित याचिका पर 'कैजुअल' रुख बरतने को लेकर फटकार लगाई। 30 अक्टूबर को हुए इस हादसे में 140 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस ए.जे. शास्त्री की प्रथम खंडपीठ ने मोरबी नगर पालिका को जवाब दाखिल नहीं करने के लिए फटकार लगाई। पीठ ने अपने आदेश में कहा, इस मामले को हल्के में न लें, नगरपालिका को आज शाम साढ़े चार बजे से पहले जवाब दाखिल करने या एक लाख रुपये जुर्माना भरने के लिए कहा गया है।
पुल ढहने के मामले में अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की है। हालांकि अदालत ने 7 नवंबर को मोरबी नगर पालिका को नोटिस जारी कर 14 नवंबर तक जवाब मांगा था, लेकिन मोरबी नगर पालिका जवाब देने में विफल रही। 15 नवंबर को अदालत ने नगर निकाय को एक और दिन का समय दिया लेकिन वह फिर से जवाब दाखिल करने में विफल रही। बुधवार सुबह जब अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की तो नगर पालिका के वकील ने बताया कि जवाब दाखिल नहीं किया जा सका, क्योंकि निकाय प्रभारी डिप्टी कलेक्टर चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हैं। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 नवंबर तक का समय मांगा। लेकिन कोर्ट ने अनुरोध ठुकरा दिया और शाम तक जवाब दाखिल करने को कहा।