गुजरात हाईकोर्ट ने नहीं दी अहमदाबाद में रथयात्रा को अनुमति, रात 2 बजे के बाद तक चली सुनवाई
गुजरात हाईकोर्ट ने रात 2 बजे के बाद तक चली सुनवाई के बाद यात्रा को अनुमति देने से इंकार कर दिया।
अहमदाबाद में आज पहली बार प्राचीन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा नहीं निकलेगी। गुजरात हाईकोर्ट ने रात 2 बजे के बाद तक चली सुनवाई के बाद यात्रा को अनुमति देने से इंकार कर दिया। हाई कोर्ट ने अहमदाबाद स्थित जगन्नाथ मंदिर में ही पूजा अर्चना की अनुमति दी है। इस बीच आज सुबह गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी मंगलवार सुबह अहमदाबाद स्थित मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। बता दें कि ओडिशा के पुरी के बाद सबसे बड़ी रथ यात्रा अहमदाबाद में ही निकाली जाती है।
बता दें कि कोरोना संकट के दौर में सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून की सुनवाई में रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की खंड पीठ ने जगन्नाथ पुरी की एतिहासिक रथ यात्रा को सशर्त मंजूरी दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात सरकार भी अनुमति मांगने के लिए गुजरात हाईकोर्ट पहुंची। रुपाणी सरकार ने मांग की कि कोर्ट रथयात्रा के लिए जो प्रतिबंध बताएगा वह सरकार पूरी तरह से मानेगी।
गुजरात हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई रात 2 बजे के बाद तक चली। चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेबी पर्दीवाला ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह अपना रुख अचानक क्यों बदल रही है। कोर्ट ने कहा कि यदि रथ यात्रा नहीं निकली तो लोगों की आस्था खत्म तो नहीं हो जाएगी। लोगों की अनुपस्थिति में यात्रा का क्या औचित्य है। हाईकोर्ट ने सरकार की मांग को ठुकराते हुए इस संबंध में दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
सिर्फ मंदिर में होगी पूजा
हाईकोर्ट ने कहा कि इस साल रथ यात्रा मंदिर परिसर तक ही सीमित रहेगी। हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना संकट के दौर में लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा की अनुमति नहीं दी जा रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि पुरी और अहमदाबाद की परिस्थितियों को एक ही तराजू में नहीं तौला जा सकता है।