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गुजरात हाई कोर्ट ने NDPS मामले में बर्खास्त IPS संजीव भट्ट की याचिका खारिज की

न्यायिक हिरासत के दौरान भट्ट को 1990 के हिरासत में यातना के मामले में दोषी ठहराया गया था, जबकि 1996 के मादक पदार्थ बरामदगी मामले में पहले ही बनासकांठा की निचली अदालत द्वारा आरोप तय किए जा चुके हैं।

Sanjiv Bhatt, Sanjiv Bhatt NDPS Case, Gujarat High Court Sanjiv Bhatt, Ex-IPS Officer Sanjiv Bhatt- India TV Hindi Image Source : PTI FILE संजीव भट्ट 2018 में इस मामले में CID द्वारा गिरफ्तारी के बाद से ही सलाखों के पीछे हैं।

अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के बर्खास्त अधिकारी संजीव भट्ट की एक पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दी है। इसमें मादक पदार्थ पर नियंत्रण संबंधी ‘NDPS’ कानून के तहत 1996 के एक मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में संशोधन का अनुरोध किया गया था। भट्ट की याचिका खारिज करने के साथ ही जस्टिस इलेश वोरा ने निचली अदालत को ‘तेजी से’ मुकदमे की कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश देते हुए कहा प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है क्योंकि पूर्व अधिकारी निचली अदालतों के साथ-साथ हाई कोर्ट में भी अर्जियां दाखिल करते रहे हैं।

2018 से ही जेल में बंद हैं आईपीएस संजीव भट्ट
संजीव भट्ट 2018 में इस मामले में अपराध जांच विभाग (CID) द्वारा गिरफ्तारी के बाद से ही सलाखों के पीछे हैं। न्यायिक हिरासत के दौरान भट्ट को 1990 के हिरासत में यातना के मामले में दोषी ठहराया गया था, जबकि 1996 के मादक पदार्थ बरामदगी मामले में पहले ही बनासकांठा की निचली अदालत द्वारा आरोप तय किए जा चुके हैं। गुजरात काडर के IPS अधिकारी भट्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगस्त 2015 में सेवा से ‘अनधिकृत अनुपस्थिति’ के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। भट्ट 1996 में बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक (SP) थे।

‘भट्ट ने रची थी झूठे मामले में फंसाने की साजिश’
अभियोजन पक्ष का आरोप है कि जब भट्ट जिला पुलिस अधीक्षक, बनासकांठा के रूप में पालनपुर में पदस्थापित थे तब उन्होंने राजस्थान के पाली निवासी सुमेर सिंह राजपुरोहित को NDPS कानून के प्रावधान के तहत अफीम रखने के झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची थी। भट्ट के नेतृत्व में बनासकांठा पुलिस ने दावा किया था कि पालनपुर शहर में राजपुरोहित के एक होटल के कमरे में 1.5 किलो अफीम मिली थी। हालांकि, राजस्थान पुलिस की जांच में पता चला था कि राजपुरोहित को झूठा फंसाया गया था।

2019 में भट्ट के खिलाफ तय हुए थे आरोप
पालनपुर की निचली अदालत ने सितंबर 2019 में भट्ट के खिलाफ आरोप तय किए थे। अब वह NDPS कानून की संबंधित धाराओं और IPC की धारा 120 (B) के साथ 465 और 471 के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं। आरोप था कि भट्ट ने राजपुरोहित के नाम पर होटल के रजिस्टर में जाली एंट्री की थी। अपनी याचिका में पूर्व IPS अधिकारी ने दलील दी थी कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 465 और 471 के तहत आरोप तय करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि अभियोजन पक्ष ने इस पर चुप्पी साध ली कि होटल लाजवंती में गवाह सुमेर सिंह के नाम पर झूठी एंट्री किसने की। (भाषा)