गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि पूरे राज्य में चांदीपुरा वायरस के 50 मामले सामने आए हैं। संदिग्ध वायरस से अबतक राज्य में 16 लोगों की जान चली गई है। उन्होंने कहा कि हिम्मतपुर में चांदीपुरा वायरस के कुल 14 मामले सामने आए हैं, जिनमें से सात मरीजों को भर्ती कराया गया है। पटेल ने कहा, "चांदीपुरा वायरस के तीन मामले दूसरे राज्यों से आए हैं। पूरे राज्य में चांदीपुरा वायरस के 50 मामले सामने आए हैं और 16 लोगों की जान चली गई है।" उन्होंने कहा कि इस बारे में हर गांव और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जानकारी प्रासारित की गई है।
बच्चों में पाए गए चांदीपुरा वायरल के लक्षण
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों, मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीडीएचओ) और मेडिकल कॉलेजों के साथ बैठकें भी की हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में बच्चों में चांदीपुरा वायरस के लक्षण पाए गए हैं, जिससे कुछ डर पैदा हुआ है। सात मामले प्रयोगशाला परीक्षण के लिए पुणे भेजे गए थे, जिनमें से केवल एक मामला चांदीपुरा वायरस का पाया गया है। केवल चांदीपुरा वायरस ही सूचना और दस्त जैसे सभी लक्षणों के लिए जिम्मेदार नहीं है। यह इंसेफेलाइटिंस के कारण भी हो सकता है। वायरल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी पूरे राज्य में प्रसारित की गई है।
गुजरात के सीएम ने की स्थिति की समीक्षा
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चांदीपुरा वायरस के बीच राज्य में स्थिति की समीक्षा की और महामारी को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपायों का जायजा लिया है। गुजरात के सूचना विभाग ने बताया कि बैठक में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। सीएम पटेल ने राज्य के नगर आयुक्तों, जिला कलेक्टरों, जिला विकास अधिकारियों और मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और उनके जिलों के प्रदर्शन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बीमारी की रोकथाम के लिए जिलों में मैलाथियान पाउडर का छिड़काव करने का अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से किसी भी तरह के बुखार से पीड़ित मरीजों का तत्काल और गहन उपचार भी सुनिश्चित करने को कहा।