अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने राज्य में भूमि कब्जाने की गतिविधि पर रोक के लिए एक सख्त कानून लाने का बुधवार को निर्णय किया जिसमें 14 वर्ष तक की सजा का प्रावधान होगा। राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि राज्य कैबिनेट की एक बैठक में कड़े प्रावधानों वाले 'गुजरात लेंड ग्रैबिंग प्रोहिबिशन एक्ट' नाम से एक नया कानून लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, चूंकि विधानसभा सत्र में नहीं है, इसलिए सरकार प्रस्तावित कानून के प्रावधानों को तत्काल लागू करने के लिए एक अध्यादेश लाएगी।
विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रस्तावित कानून के तहत, यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा कि इस तरह के मामलों का छह महीने के भीतर निपटारा किया जाए। इसमें कहा गया है कि भूमि कब्जाने के दोषी पाये गए व्यक्तियों को 10 से 14 वर्ष की सजा हो सकती है। साथ ही उन पर संबंधित जमीन की सरकारी दर के बराबर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सरकार मुकदमे को गति देने के लिए एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति करेगी। साथ ही विशेष अदालतों को भूमि कब्जाने के किसी भी मामले में स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार होगा। इसमें कहा गया है कि इस कानून के दायरे में सार्वजनिक एवं निजी स्वामित्व, दोनों तरह की भूमि आएगी।
यह कानून किसान, ट्रस्ट और धार्मिक निकायों समेत सार्वजनिक और निजी स्वामित्व वाली दोनों भूमि दोनों को कवर करेगा। रिलीज में बताया गया कि कानून में ऐसे कड़े प्रावधानों से उन जमीन माफियाओं पर काबू पाने में मदद मिलेगी जो फर्जी कागजात या मालिकों को धमकाकर सरकारी या निजी भूमि को हड़प लेते है।