अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि वह गरीबों पर इसके प्रभाव पर विचार कर रही है। हालांकि, उन्होंने गांवों में या शहरों में बाजार संघों द्वारा स्थानीय स्तर पर स्वैच्छिक रूप से लॉकडाउन किये जाने का स्वागत किया।
यह पूछे पर जाने कि क्या सरकार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन लागू करने के बारे में सोच रही है तो रूपाणी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार गरीब लोगों की समस्याओं को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं है। हमने लोगों की अनावश्यक आवाजाही को रोकने के लिए पहले ही एक दिन में 10 घंटे के लिए कर्फ्यू लगा दिया है।’’ रूपाणी ने 20 नई ‘धनवंतरी’ वैन को रवाना करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि कोई बाजार संघ स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाता है या कोई गांव इस तरह का कदम उठाता है, तो यह स्वागत योग्य है।’’
मामलों में तेजी के बीच, गुजरात में कई गांवों, आवास समितियों और बाजार संगठनों ने अपने क्षेत्रों में लॉकडाउन की घोषणा की है। अहमदाबाद में सोला रोड के बाजार संगठन ने संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। पालनपुर शहर में दो दिनों के लिए ‘जनता’ कर्फ्यू भी लागू किया गया है, लेकिन कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें खुली रखीं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोविड-19 के 4,541 नये मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को मामलों की संख्या बढ़कर 3,37,015 पर पहुंच गई। इस बीच मुख्यमंत्री ने उन खबरों का खंडन किया कि जिनमें कहा गया है राज्य सरकार कोविड-19 संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या का सही आंकड़ा छिपा रही है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गुजरात में शुक्रवार तक कोविड-19 से मृतकों की संख्या 4,697 थी।