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गुजरात में 18 गांव के ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार, किया ऐलान, ट्रेन रुकवाओ-वोट पाओ

साल 2020 में जब कोरोना आया था तब देशभर में यात्री ट्रेनें रोक दी गईं, जिसके बाद सब सामान्य होने पर अभी भी तमाम ट्रेनें शुरू नहीं की गई हैं। अंचेली स्टेशन पर भी ट्रेने नहीं रुक रही हैं। इसी वजह से ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया है।

गुजरात में 18 गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार - India TV Hindi Image Source : INDIA TV गुजरात में 18 गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार

गुजरात में चुनाव नजदीक हैं। वोटिंग की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राजनीतिक पार्टियों ने कम कस ली है। उम्मीदवारों एक नामों का ऐलान हो रहा है। उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के साथ-साथ गुजरात के 18 गांवों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। जिससे राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव आयोग की भी चिंता बढ़ गई है। 

जानकारी के अनुसार, नवसारी विधानसभा के 18 गांवों के ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों ने गांव में बीजेपी, कांग्रेस व् अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के गांव में आने और चुनाव प्रचार पर भी रोक लगा दी है। बाते जा रहा है कि ग्रामीण लंबे समय से अंचेली रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोके जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मांग पूरी न होने की वजह से ग्रामीणों ने यह ऐलान किया है। 

स्टेशनों पर पोस्टर लगाकर किया ऐलान 

इसके साथ ही ग्रामीणों ने अंचेली स्टेशन सहित आसपास के स्टेशनों पर कई पोस्टर भी लगाए हैं। जिनपर लिखा हुआ है कि 'ट्रेन नहीं तो वोट नहीं।' इसके साथ ही उन पोस्टरों पर मांग न माने जाने पर चुनावों के बहिष्कार की भी बात कही गई है। ग्रामीण ट्रेन न रुकने की वजह से तमाम परेशानियों का सामना कर रहे हैं। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए एक व्यक्ति को कम से कम 300 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि पहले चंद रुपयों में ही काम चला जाता था। 

कोरोना से पहले रूकती थीं कई ट्रेनें 

ग्रामीणों के अनुसार, वर्ष 1966 से अंचेली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुक रही हैं। पहले एक पैसेंजर ट्रेन यहां रुकती थी, बाद में उनकी संख्या बढ़ती गई। हालांकि, कोरोना महामारी के समय इस स्टेशन पर ट्रेन रुकना बंद हो गईं। अब जब सब सामान्य हो गया है तब भी ट्रेनें यहां नहीं रुक रही हैं। ट्रेनें रोकने के लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके हैं लेकिन ट्रेने रुकना शुरू नहीं हुईं। जिस वजह से अब ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।