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Hindi News गुजरात हार्दिक पटेल नहीं जा सकेंगे गुजरात से बाहर, अदालत ने खारिज की उनकी अर्जी

हार्दिक पटेल नहीं जा सकेंगे गुजरात से बाहर, अदालत ने खारिज की उनकी अर्जी

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की वह अर्जी स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने गुजरात से बाहर जाने से उन्हें प्रतिबंधित करने वाली जमानत की शर्त को अस्थायी तौर पर निलंबित करने का अनुरोध किया था। 

Gujarat court rejects Hardik Patel's plea for relief in bail- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Gujarat court rejects Hardik Patel's plea for relief in bail

अहमदाबाद। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की वह अर्जी स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने गुजरात से बाहर जाने से उन्हें प्रतिबंधित करने वाली जमानत की शर्त को अस्थायी तौर पर निलंबित करने का अनुरोध किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी जे गणात्रा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष पटेल की अर्जी खारिज की। पटेल ने इसी अदालत द्वारा उन पर लगाई गई जमानत की शर्त को 12 सप्ताह तक निलंबित रखने का अनुरोध किया था। इस शर्त के मुताबिक, उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत की अनुमति लेनी होगी। सत्र अदालत ने इस साल जनवरी में उन्हें जमानत देते हुए यह शर्त लगाई थी। 

2015 के देशद्रोह के मामले में निचली अदालत में सुनवाई में अनुपस्थित रहने को लेकर पटेल को गिरफ्तार किये जाने के बाद सत्र अदालत ने उन्हें जमानत दी थी। सत्र अदालत ने शुक्रवार के अपने आदेश में पटेल की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता जमानत की शर्त को अस्थायी तौर पर निलंबित करने का अनुरोध करने के लिये कोई तर्कसंगत आधार बताने में नाकाम रहे। पटेल ने इस आधार पर राहत मांगी थी कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अपने दायित्वों को पूरा करने के लिये बार-बार राज्य से बाहर जाना होगा। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय में अपने वकीलों को शीर्ष न्यायालय में लंबित चार मामलों में अपने वकीलों से मशविरा करने की जरूरत है।

उन्होंने दलील दी कि इन मामलों को शीघ्र ही सूचीबद्ध किये जाने की संभावना है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ज्यादातर राजनीतिक कार्यक्रम ऑनलाइन और डिजिटल माध्यम से हो रहे हैं। इसलिए, 12 सप्ताह के लिये गुजरात से बाहर की यात्रा करने की अनुमति मांगने का पटेल का अनुरोध तर्कसंगत नहीं दिखता है। अदालत ने कहा कि कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर यह स्वीकार करने का कोई आधार नहीं है कि याचिकाकर्ता को अपने वकील से आमने-सामने जा कर मिलना है, ना ही चारों मामलों को शीघ्र ही शीर्ष न्यायालय में सूचीबद्ध किये जाने की संभावना है। 

मामले के जांच अधिकारी, साइबर अपराध पुलिस निरीक्षक आर जे चौधरी ने अपनी अर्जी में कहा कि पटेल ने गुजरात उच्च न्यायालय और निचली अदालत द्वारा लगाई जमानत की शर्तों का कई मौकों पर उल्लंघन किया है और अपने पते में बदलाव के बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी तथा देशद्रोह मामले में सुनवाई में 61 बार अनुपस्थित रहे। पटेल को अहमदाबाद अपराध शाखा ने जनवरी में गिरफ्तार किया था। 

देशद्रोह मामले में अदालती कार्यवाही में कई बार अनुपस्थित रहने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यहां पाटीदार (समुदाय के) कोटा के लिये 25 अगस्त 2015 को एक रैली के बाद गुजरात के कई हिस्सों में हिंसा भड़क जाने के सिलसिले में अपराध शाखा ने पटेल के खिलाफ देशद्रोह का एक मामला दर्ज किया था। पटेल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे।